गुजरात : मानसून की आधी पारी में ज्यादातर बांध छलके, अब नहीं होगा पानी का संकट

गुजरात : मानसून की आधी पारी में ज्यादातर बांध छलके, अब नहीं होगा पानी का संकट

भारी बारिश के कारण अधिकांश जलाशय भर गए हैं

गुजरात में आगामी गर्मी का असर अधिक न हो, इसके लिए इंतजाम किए गए हैं। मेघराज की कृपा से इस साल गुजरात का मानसून अच्छा रहा है। भारी बारिश के कारण अधिकांश जलाशय भर गए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में सार्वभौमिक बारिश के परिणामस्वरूप 17 अगस्त तक राज्य के कुल 207 जलाशयों में 76.69 प्रतिशत पानी जमा हो चुका है। जबकि राज्य की सरदार सरोवर योजना में 2,86,059 एमसीएफटी यानी कुल भंडारण क्षमता का 85.63 प्रतिशत भंडार रखा गया है।
राज्य जल संसाधन विभाग के बाढ़ प्रकोष्ठ को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सरदार सरोवर को छोड़कर राज्य के 206 जलाशयों में 3,98,247 एमसीएफटी यानी कुल जल संग्रहण क्षमता का 71.35 प्रतिशत भंडार किया जा चुका है। इसके अलावा राज्य के 49 जलाशयों में 100 प्रतिशत से अधिक जल संग्रहण है। जबकि सरदार सरोवर सहित 63 जलाशयों में 70 से 100 प्रतिशत, 27 जलाशयों में 50 से 70 प्रतिशत, 36 जलाशयों में 25 से 50 प्रतिशत और 31 जलाशयों में 25 प्रतिशत से कम है। इसमें उत्तर गुजरात में 15 जलाशय, मध्य गुजरात में 17, दक्षिण गुजरात में 13, कच्छ में 20 और सौराष्ट्र में 141 जलाशय शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 48 जलाशय 100 प्रतिशत से अधिक भरने के साथ हाई अलर्ट पर हैं जबकि 30 जलाशय 90 प्रतिशत से 100 प्रतिशत भरने के बीच हैं। 16 जलाशय 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत पूर्ण होने पर अलर्ट पर हैं और 17 जलाशय 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत पूर्ण होने पर सामान्य अलर्ट पर हैं।
भावनगर के 3 बांध ओवरफ्लो
भावनगर जिले में अच्छी बारिश से जलस्रोत नए स्तर पर पहुंच गए हैं। जिले के महुवा तालुका में तीन बांध ओवरफ्लो हो गए हैं। महुवा के मालन, रोजकी और बगड़ बांधों में शत-प्रतिशत पानी जमा किया जा चुका है। महुवा के मोटा खूंटवड़ा के पास मालन और रोजकी बांध ओवरफ्लो हो गए हैं। इसलिए महुवा में बगदाना के पास बगड़ बांध उफान पर है। मालन बांध के स्वचालित फाटक कभी भी खुलने की संभावना से 10 गांव अलर्ट पर हैं। जिसमें मोटा खुंटवड़ा, गोरस, सांगणिया, लखुपुरा, कुंभण, नाना जादरा, तवेड़ा, उमणियावदर, कतपर और महुवा गांव अलर्ट पर हैं। प्रशासन की ओर से लोगों को सलाह दी गई है कि कभी भी पानी आने की आशंका को देखते हुए नदी के किनारे न घूमें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
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