गुजरात : गांधी जी के साथ दांडी यात्रा में शामिल होने वाले स्वतंत्रता सेनानी नरसिंह पटेल का न्यूज़ीलैंड में निधन

गुजरात : गांधी जी के साथ दांडी यात्रा में शामिल होने वाले स्वतंत्रता सेनानी नरसिंह पटेल का न्यूज़ीलैंड में निधन

पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार दिया था, 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था सम्मानित

नवसारी की ऐतिहासिक दांडी यात्रा में भाग लेने वाले और और स्वतंत्रता सेना के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने वाले जलालपुर के एक उत्साही गांधीवादी नरसिंहभाई पटेल का 102 वर्ष की उम्र में न्यूजीलैंड में निधन हो गया। उनकी निधन के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम के एक और दीपक बुझ गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से मीठा कुवा, जलालपुर के रहने वाले नरसिंहभाई नानाभाई पटेल का जन्म 24-12-1920 को हुआ था। बचपन से ही धार्मिक भावना रखने वाले नरसिंहभाई को भजनों और लोकगीतों से बहुत लगाव था। और उन्होंने बहुत अच्छी आवाज में गाया। अंग्रेजों द्वारा नामक पर कर लगाने के समय महात्मा गांधी द्वारा दांडी मार्च शुरू करने पर 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नवसारी के समुद्र तट पर दांडी तक 24 दिन की यात्रा की। जब नरसिंहभाई पटेल इस ऐतिहासिक दांडी मार्च में शामिल हुए तब वह केवल 10 वर्ष के थे। उसके बाद स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के बाद उन्हें कई बार कारावास भी भुगतना पड़ा।
देश की आजादी के बाद, गांधीवादी विचारों से प्रभावित नरसिंहभाई पटेल ने जलालपुर के दांडी में एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के रूप में प्रवेश लिया। 1964 में भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार प्रदान किया। नरसिंहभाई पटेल, जो मूल संगीत की आत्मा थे, भजन और लोक गीत सुरीला आवाज़ में गाते थे। उन्हें अहमदाबाद आकाशवाणी केंद्र द्वारा भी आमंत्रित किया गया था। उम्र के साथ उनके जोश में कोई अंतर नहीं आया। जैसे ही उनका बेटा न्यूजीलैंड में बस गया, नरसिंहभाई भी पिछले कुछ सालों से अपने बेटे के साथ रहे। लेकिन उनका मन भारत में ही रहा। वह वर्ष 2019 में दांडी स्मारक के उद्घाटन के अवसर पर भारत आए थे। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दांडी में उनका सम्मान किया था। पिछले कुछ समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। जिसमें उन्होंने न्यूजीलैंड के रोटोरुआ में आज 102 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। गांधी युग का चमकता सितारा गिरते ही देश में शोक की भावना फैल गई।
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