गुजरात : दुर्गम एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाकर स्वस्थ भारत के निर्माण में वरदान साबित हुए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

गुजरात : दुर्गम एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाकर स्वस्थ भारत के निर्माण में वरदान साबित हुए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में ई-संजीवनी टेली-परामर्श सेवा कार्यरत होने से राज्य के 6.73 लाख जरूरतमंदों ने उठाया टेली मेडिसिन सेवा का लाभ

7500 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के साथ गुजरात देशभर में अव्वल
स्वास्थ्य सेवाएं जब शहरी और ग्रामीण नागरिकों के अलावा दुर्गम क्षेत्रों तक आसानी से पहुंचेगी, तभी सच्चे अर्थ में स्वस्थ भारत का निर्माण संभव है। स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए स्वस्थ नागरिक और स्वस्थ समाज का निर्माण अत्यावश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तायुक्त और सातत्यपूर्ण तरीके से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर मृत्यु दर और रोगों की रोकथाम के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल में होने वाले खर्च को कम करने तथा गैर-संचारी रोगों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से देश में ‘आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ की पहल शुरू की गई है।
प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल, 2018 को छत्तीसगढ़ से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। वर्ष 2022 तक देश में 1 लाख 50 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्यान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। आज पूरे देश में 25 मई, 2022 की स्थिति के अनुसार 1 लाख 18 हजार 488  हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्यान्वित हो चुके हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मजबूत नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल के मार्गदर्शन में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के क्षेत्र में गुजरात ने श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 7523 (107 प्रतिशत) सेंटर कार्यरत कर देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान देखभाल, नवजात और शिशु स्वास्थ्य देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भ निरोधक सेवाएं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचारी रोगों का उपचार, सामान्य बीमारियों का ओपीडी उपचार, गैर-संचारी रोगों की जांच, रोकथाम और प्रबंधन, कान, नाक और गले (ईएनटी) से संबंधित देखभाल, वृद्धावस्था स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, मानसिक बीमारियों की जांच और बुनियादी उपचार जैसी 12 तरह की बीमारियों का निदान और उपचार किया जाता है। वर्तमान जीवन शैली के अनुसार स्वस्थ जीवन के लिए वेलनेस गतिविधियों के अंतर्गत योग को भी शामिल किया गया है।
राज्य के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में 7,30,25,033 मरीजों ने ओपीडी सेवा का लाभ उठाया है। इसके अंतर्गत 1,74,66,704 मरीजों की डायबिटीज स्क्रीनिंग, 1,84,07,460 मरीजों की उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) स्क्रीनिंग, 1,48,86,020 मरीजों की मुंह के कैंसर की स्क्रीनिंग, 68,39,633 मरीजों की स्तन कैंसर स्क्रीनिंग और 62,63,486 मरीजों की सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग की गई है।
हाल ही में आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुखभाई मांडविया ने देश के 1 लाख से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में ‘टेली कंसल्टिंग’ यानी टेली-परामर्श सेवा की शुरुआत की। टेली परामर्श कार्यक्रम को ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है। टेली-परामर्श कार्यक्रम का शुरुआत करते हुए डॉ. मनसुखभाई मांडविया ने कहा कि टेली-परामर्श कार्यक्रम देश के स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नई क्रांति लाएगा। मरीजों को घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों का मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए टेली-परामर्श सेवा वरदान साबित होगी।
टेली मेडिसिन के अंतर्गत ई-संजीवनी सेवा कार्यरत होने से राज्य के लगभग 6.73 लाख जरूरतमंद लोगों ने इसका लाभ उठाया है। इनमें से 97,318 मरीजों ने टेली-परामर्श सेवा का लाभ प्राप्त किया है। राज्य में सुदूरवर्ती एवं दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर आज स्वस्थ समाज के निर्माण के संकल्प को गति दे रहे हैं।

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