गुजरात : प्रधानमंत्री के भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के विजन को साकार करने गुजरात प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

गुजरात : प्रधानमंत्री के भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के विजन को साकार करने गुजरात प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

राज्य अपने रोडमैप-रणनीति तैयार करें, प्रधानमंत्री की इस अपेक्षा को गुजरात ने पहल कर किया साकार : डॉ. हसमुख अढिया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए दिए गए विजन साकार करने की दिशा में गुजरात ने अनूठी पहल करते हुए रणनीति-रोडमैप बनाया है। इस संदर्भ में गुजरात सरकार द्वारा गठित कार्य बल के अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया ने मंगलवार को गांधीनगर में मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल को यह रोडमैप सौंपा। इस अवसर पर वित्त मंत्री  कनुभाई देसाई, मुख्य सचिव  पंकज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव सर्वश्री डॉ. राजीव कुमार गुप्ता, मनोज दास, कमल दयानी, मुकेश पुरी और पंकज जोषी सहित अन्य वरिष्ठ प्रधान सचिव और सचिव इस मौके पर उपस्थित रहे। 
मुख्यमंत्री को इस रोडमैप-रणनीति का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कार्य बल के अध्यक्ष डॉ. हसमुख अढिया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित किए गए इस कार्य बल ने केवल 3 महीने की छोटी अवधि में यह रोडमैप तैयार किया है। इतना ही नहीं, इस रोडमैप को तैयार करने के लिए राज्य सरकार के सभी विभागों के अलावा लगभग 15 हितधारकों के सुझाव प्राप्त कर रणनीति में उसका समावेश किया गया है। डॉ. हसमुख अढिया ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने यह अपेक्षा व्यक्त की थी कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के विजन को साकार करने के लिए प्रत्येक राज्य अपना रोडमैप-रणनीति तैयार करें। इस अपेक्षा को गुजरात ने अनूठी पहल करते हुए पूर्ण किया है। उन्होंने यह रोडमैप प्रधानमंत्री कार्यालय, नीति आयोग और भारत सरकार में प्रस्तुत करने का भी सुझाव दिया। 
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस रोडमैप-रणनीति में सुझाए गए तथ्यों के कार्यान्वयन के लिए गहन ढांचा विकसित करने की मंशा व्यक्त की। भूपेंद्र पटेल ने यह भी कहा कि भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को सिद्ध करने को गुजरात प्रतिबद्ध है। 
उन्होंने कहा कि यदि भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2026-27 तक हासिल करना है, तो गुजरात को अपने आर्थिक विकास को और तेजी देने की आवश्यकता है। वर्ष 2021 में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में गुजरात की हिस्सेदारी 8.36 फीसदी है, जिसे बढ़ाकर 10 फीसदी तक ले जाना होगा। उसका अर्थ यह होता है कि गुजरात में अगले पांच वर्ष की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 14.5 फीसदी होनी आवश्यक है, जो पिछले दशक में लगभग 12.3 फीसदी रही थी। 
डॉ. अढिया ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र मुख्य पहलू है। कार्य बल द्वारा कुल 9 नए आर्थिक क्षेत्रों की वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया गया है। जिसमें ग्रीन एवं स्मार्ट मैन्यूफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी का उपयोग और सप्लाई चेन के लिए जरूरी सटीक पद्धति और कार्य रीति पर विशेष जोर देने का सुझाव दिया गया है।
अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्रों (सर्विस सेक्टर) की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी (फिनटेक), पर्यटन क्षेत्र जिसमें चिकित्सा पर्यटन भी शामिल है, उन्हें पूंजीनिवेश मिले और इन क्षेत्रों का विकास हो, साथ ही सेवा संबंधित क्षेत्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी ढांचा सुविधा स्थापित करने के लिए बजटीय संसाधनों की जरूरत एवं आयोजन पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया गया है। 
डॉ. अढिया ने आगे कहा कि गुजरात में पर्यटन क्षेत्र  में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के विकास की तर्ज पर कुल 5 से 6 पर्यटन क्लस्टर को विकसित करने का सुझाव दिया है। राज्य में आईटी, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में पूंजीनिवेश आकर्षित करने के लिए 4 से 5 मुख्य हवाई अड्डों की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी में सुधार के लिए प्रयास करने को भी उन्होंने इस रोडमैप में सुझाव दिया है। 
राज्य के सेवा संबंधित क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों में विकसित करने के लिए राज्य को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) की तरह ही अन्य विश्वस्तरीय शहरी केंद्र विकसित करने की आवश्यकता रहेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए मेट्रो रेल, रिंग रोड, अर्बन मास ट्रांसपोर्ट और अर्बन हाउसिंग जैसे क्षेत्रों में व्यापक मात्रा में पूंजीनिवेश की आवश्यकता होगी। 
उन्होंने सुझाव दिया कि गुजराती लोगों की उद्यमिता का कुशलता से उपयोग करने के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता रहेगी। गुजरात राज्य में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात के मामले में काफी आगे है। उन्होंने सुझाव दिया कि सेवा संबंधित निर्यात के लिए नेतृत्व प्रदान करना आवश्यक है, उसके क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव कार्य बल की रिपोर्ट में दिए गए हैं।
डॉ. अढिया ने कहा कि गुजरात का भारत में एक रणनीतिक स्थान है और कोस्टल डेवलपमेंट यानी तटीय विकास और ब्लू इकोनॉमी के विकास के लिए बड़े पैमाने पर पूंजीनिवेश आवश्यक है। यह तटीय समुदायों के आर्थिक उत्कर्ष के लिए व्यापक अवसर प्रदान करेगा तथा पर्यटन एवं पोर्ट कनेक्टिविटी के विकास की व्यापक संभावनाओं को प्रोत्साहित करेगा। रोडमैप-रणनीति के अन्य मुद्दों के संबंध में उन्होंने कहा कि गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रसर है। दीर्घावधि तक ऊर्जा की जरूरतों की पूर्ति के लिए राज्य को व्यापक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा, माइक्रो ग्रीड्स और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर विशेष जोर देना होगा। यह बहुत आवश्यक है कि ग्रीन हाइड्रोजन और सेमी कंडक्टर का उत्पादन करने की दिशा में राज्य सरकार पहल करे। 
राज्य के कृषि क्षेत्र के विकास के लिए खेती-बाड़ी की विकसित पद्धतियां और टेक्नोलॉजी की मदद से कृषि उत्पादन बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन, बागवानी, मत्स्य उद्योग और पोल्ट्री फॉर्मिंग जैसे क्षेत्रों का विकास करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा सभी आर्थिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए आवश्यक मानवबल उपलब्ध हो सके, उसके लिए उच्च शिक्षा और लोगों का कला-कौशल बढ़ाने वाले क्षेत्रों में भी एक अद्यतन और कार्यकुशल इकोसिस्टम विकसित करना होगा। 
डॉ. अढिया ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कार्य बल की यह रिपोर्ट सभी हितधारकों, सरकार के अधिकारियों, निजी क्षेत्र और शैक्षणिक संस्थानों के साथ परामर्श के बाद तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में बताई गई तमाम रणनीतियां राज्य के आर्थिक विकास के लिए और पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को साकार करने में काफी उपयोगी साबित होगी। 
मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने कार्य बल द्वारा बहुत कम समय में गहन प्रयास कर रणनीति और उसके क्रियान्वयन के आयोजन को रिपोर्ट के रूप में तैयार करने के कार्य की सराहना की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री के पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के विजन को साकार करने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है और कार्य बल की रिपोर्ट में सुझाए गए सभी सुझावों के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार एक गहन कार्यान्वयन तंत्र विकसित करेगी। 
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