गुजरात : दमन के छात्रों ने बनाया सोलर साइकिल, एक बार बैटरी चार्ज करें और कई किलोमीटर की यात्रा करें

गुजरात : दमन के छात्रों ने बनाया सोलर साइकिल,  एक बार बैटरी चार्ज करें और कई किलोमीटर की यात्रा करें

दमन गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक के छात्रों द्वारा बनाई गई सोलर साइकिल फुल चार्ज में बिना पायदान मारे कई किलोमीटर तक चलती है

 दमन के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रों ने एक ऐसी साइकिल बनाई है जो पेट्रोल, डीजल या सीएनजी नहीं बल्कि सोलर संचालित बैटरी से चलती है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी सहित ईंधन की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए दमन कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाई गई ये अनोखी साइकिल ऐसे समय में आकर्षण का केंद्र बन रही है जब पेट्रोल, डीजल या सीएनजी जैसे ईंधन के विकल्प मौजूद हैं। ऐसे समय में दमण के सरकारी कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई अनोखी साइकिल आकर्षण का केन्द्र बन रही है। 
दमन गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्र और प्रोफेसर एक नई साइकिल बनाई हैं। जो पेडलिंग से नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा से चलती है। सौर ऊर्जा से चलने वाली इस साइकिल को बनाने की लागत करीब 20 हजार रुपये है। हालांकि, इस वन टाइम कॉस्ट बाइक में एक खास बात यह है कि सिर्फ पांच या छह घंटे की फुल चार्जिंग में साइकिल की बैटरी को बिना पेंडल मारे  एक साथ 15 से 20 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। साइकिल चलने के साथ बैटरी भी चार्ज होती रहती है। यदि बैटरी लो होने पर पेंडल को थोड़े समय के लिए चलाने पर बैटरी और साइकलिंग औसत को बहुत बढ़ाया जा सकता है।
इसके अलावा, जब साइकिल उपयोग में नहीं होती है, तो इस साइकिल की सौर बैटरी का उपयोग घरेलू पंखे, रोशनी या टीवी जैसे छोटे उपकरणों को चलाने के लिए भी किया जा सकता है। वहीं पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलने वाले वाहन भी पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। लेकिन ये सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल और अन्य इलेक्ट्रिक वाहन प्रदूषण मुक्त हैं इसलिए ऐसे वाहन पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होते हैं। गौरतलब है कि पेट्रोल, डीजल और सीएनजी जैसे ईंधन की कीमतें पिछले कुछ समय से देश और दुनिया भर में लगातार बढ़ रही हैं। ईंधनों की आसमान छूती कीमतों के चलते अब स्कूटर या चौपहिया, पेट्रोल, डीजल या सीएनजी से चलाना काफी महंगा साबित हो रहा है। ऐसे समय में जब पेट्रोल, डीजल या सीएनजी जैसे ईंधन के विकल्प अपरिहार्य होते जा रहे हैं, इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है।
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