गुजरात : जूनागढ़ के लोकडायरा में जवाहर चावड़ा पर हुई नोटों की बरसात

गुजरात : जूनागढ़ के लोकडायरा में जवाहर चावड़ा पर हुई नोटों की बरसात

जूनागढ़ के मेंदरडा में आयोजित लोकडायरा में पैसों की बरसात हुई

लोक डायरा हो और पैसा नहीं उड़े ऐसा हो ही नहीं सकता?  लेकिन जूनागढ़ के मेंदरडा में आयोजित लोकडायरा में पैसों की बरसात हुई। वह भी लोक कलाकार पर नहीं, राजनेता पर भी नहीं,जवाहर चावड़ा पर इतने पैसे बरसाए गए कि वह रुपये से पूरी तरह से ढक गये थे। विधायक पर पैसे की इतनी बरसात की गई कि वह दिख नहीं रहे। मानो पैसों का ढेर लग गया हो।
इतना ही नहीं कीर्तिदान और मायाभाई अहीर के लोकडायरा में मौजूद लोगों ने अपनी जेबें खोलीं और नोटों की बारिश की। इसी लोकडायरा में माणावदर विधायक जवाहर चावड़ा पर नोट बरसाया गया। जवाहर चावड़ा को बीच में रखा गया और उन पर नोटों की बरसात कराई गई। नोटों के ढेर में विधायक ढक गये थे। गो माता के संवर्धन और संरक्षण के लिए लोकडायरा का आयोजन किया गया था। लोकडायरा का आयोजन विधायक एवं पूर्व मंत्री जवाहर चावड़ा ने मेंदरडा के नजापुर में किया था। जिसमें कलाकारों कीर्तिदान गढ़वी, मायाभाई अहीर के साथ कई कलाकार संगीतकारों ने पुराने भजन, दोहा छंद और लोकगीत गाए। संत, महंत, गोप्रेमी, राजनीतिक नेता और मेंदरडा, माणावदर, विसावदार, केशोद, मालिया सहित तालुका के लोग इस लोक डायरा का आनंद लेने आए थे। इससे पहले भावनगर में भी साईराम दवे ने पेट पकड़कर लोगों को हंसाया था। अखात्रीज का दिन भावनगर शहर का 300वां जन्मदिन था। जिसके लिए कार्निवाल 2022 का आयोजन किया गया था। जिसमें शहर के बोरतलाव स्थित कैलाश वाटिका में गीत-संगीत, साहित्य का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सोमवार को भावनगर पहुंचे राज्यपाल आचार्य देवव्रत विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भावनगर की भूमि में त्याग, देशभक्ति, एकता और अखंडता की संस्कृति है। शाम को त्रिरंगा यात्रा, कैलाश वाटिका में रात में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन के पहले दिन भावनगर के लोगों ने कार्यक्रम का उद्घाटन कर अभिनंदन किया। भावनगर ने एक अद्वितीय समर्पण के रूप में भारत के इतिहास में अपना नाम बनाया है। राज्यपाल ने भावनगर की स्थापना की 300वीं वर्षगांठ के अवसर पर भावनगर के लोगों को शुभकामनाएं दीं। भावसिंहजी ने 299 साल पहले भावनगर की स्थापना की थी। एक अखंड और अखंड भारत के निर्माण के वल्लभभाई पटेल के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए भावनगर राज्य को समर्पित, भारत संघ में शामिल होने वाला देश का पहला राज्य बन गया था।
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