भारत में ड्रग्स के काले कारोबार के 'गेटवे' के रूप में गुजरात की समुद्री सीमा का उपयोग हो रहा

भारत में ड्रग्स के काले कारोबार के 'गेटवे' के रूप में गुजरात की समुद्री सीमा का उपयोग हो रहा

मंगलवार को कोस्ट गार्ड और गुजरात एटीएस के संयुक्त ऑपरेशन में 280 करोड़ रुपए की ड्रग्स भारत में घुसाने के प्रयास में 9 पाकिस्तानियों को पकड़ा गया

एक समय ऐसा था जब कहा जाता था ‘उड़ता पंजाब’। लेकिन आज भारत के विभिन्न राज्यों और बड़े शहरों में हेरोइन से लेकर अलग-अलग प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन बड़े पैमाने पर हो रहा है। भारत में ड्रग्स के काले कारोबार के ‘गेटवे’ के रूप में गुजरात की समुद्री सीमाओं का उपयोग किया जा रहा है। कश्मीर और पंजाब की सीमाएं सील किए जाने के बाद अब सोलह सौ किलोमीटर लंबे गुजरात के समुद्री क्षेत्र का उपयोग ड्रग्स माफियाओं द्वारा हो रहा है। वहीं गुजरात एटीएस कोस्ट गार्ड और राष्ट्रीय एजेंसियां इन ड्रग माफियाओं के काले कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सक्रिय हैं।
गुजरात का समुद्री क्षेत्र ड्रग्स की हेराफेरी के लिए फिलहाल ऐसा लग रहा है कि हॉट फेवरिट है। गुजरात ड्रग्स का एपी सेंटर बन गया है। बड़े शहरों से लेकर छोटे गांवों तक उसके कनेक्शन प्रकाश में आ रहे हैं। अग्रणी अखबार गुजरात समाचार की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ महीनों में लगभग 40,000 करोड रुपए की ड्रग्स गुजरात पुलिस और नारकोटिक्स सेल द्वारा बरामद की गई है। अभी मंगलवार के दिन ही गुजरात के कच्छ की समुद्री सीमा से गुजरात एटीएस की टीम ने कोस्ट गार्ड के साथ अंजाम दिए संयुक्त ऑपरेशन में 280 करोड रुपए की हेरोइन जब्त की है। इस कांड में कराची से समुद्री रास्ते भारत में दाखिल हुए 9 मछुआरों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उनकी नाव को भारतीय सीमा में 14 नॉटिकल माइल भीतर पकड़ा गया। गिरफ्तारी से पहले मछुआरों ने पाकिस्तान की ओर भागने का प्रयास किया और इस पर जवाबी कार्यवाही की गई। गोलीबारी में तीन पाकिस्तानी मछुआरों को सामान्य चोट भी पहुंची है। उनके पास से मिली हीरोइन की मात्रा लगभग 56 किलो है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले 15 सितंबर को मुंद्रा पोर्ट में टेलकम पाउडर की आड़ में लगभग 21000 करोड रुपए की कीमत की 3000 किलो हेरोइन जप्त की गई थी। 17 अप्रैल 2021 के दिन अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर 150 करोड़ की हेरोइन के साथ आठ पाकिस्तानी नागरिकों को पकड़ा गया था। 17 नवंबर को सूरत के सरथाना इलाके में एमडी ड्रग्स की लेबोरेटरी बरामद की गई थी। वहीं विगत 25 सितंबर को सूरत के ही कडोदरा चेक पोस्ट पर क्राइम ब्रांच की स्थानीय टीम ने लगभग 19.५ लाख रुपए की ड्रग्स बरामद की थी। इससे पहले 4 अगस्त के दिन वलसाड के वापी जीआईडीसी क्षेत्र में स्थित डूंगरी फलिया इलाके में गुजरात नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने छापा मारकर 4.५ किलो एमडी ड्रग्स, 85 लाख रुपए नगद के साथ दो लोगों को पकड़ा था। 12 फरवरी के दिन राजकोट के गोंडल से 10.५ मिलीग्राम ड्रग्स के साथ दो लोगों को एसओजी ने पकड़ा था।
वहीं 20 नवंबर के दिन राजकोट में ही मेफेड्रोन रख के साथ कच्छ के रहने वाले मुस्ताक अब्दुल छिछोरा की गिरफ्तारी की गई थी। 22 नवंबर को जामनगर से 10 करोड़ की बरामद ड्रग की डिलीवरी जाखोव समुद्री तट पर की गई थी। 17 नवंबर को गुजरात एटीएस ने 120 करोड़ की हेरोइन पकड़ी थी। 10 नवंबर को खंभालिया आराधना धाम के पास कार में से लगभग 66 किलो ड्रग्स बरामद की गई थी जिसकी कीमत 350 करोड़ रूपया आंकी गई थी। पोरबंदर समुद्री क्षेत्र में 23 सितंबर के दिन 150 करोड़ की ड्रग्स के साथ ७ ईरानी नागरिकों को पकड़ा गया था। 24 अक्टूबर को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 250 ग्राम चरस पकड़ी थी। 12 अगस्त को अहमदाबाद में ही गुजरात एनसीबी ने 20 करोड़ की कोकीन बरामद की थी। 20 जनवरी के दिन एटीएस की टीम ने मुंबई से आते हुए एक शख्स के पास से ₹1 करोड़ की 1 किलो ड्रग्स में बरामद की थी। कुल मिलाकर विगत कुछ समय से प्रदेश में नशीले पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है और जांच एजेंसियों भी ड्रग्स माफियाओं के ‌खिलाफ लगातार अभियान छेड़े हुए है।
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