गुजरात के लिए गौरवपूर्ण क्षण; गिर में शेरों के बाद अब डांग में बाघ दिखेंगे!

गुजरात के लिए गौरवपूर्ण क्षण; गिर में शेरों के बाद अब डांग में बाघ दिखेंगे!

गुजरात में आखरी बार बाघ को फरवरी 2019 में महिसागर जिले में देखा गया था

झारखंड के बाद अब गुजरात के दंडकारण्य वन डांग जिले में राज्य का पहला टाइगर सफारी पार्क बनेगा। इसके लिए समाघन रेंज के सापुतारा की तलहटी में जखाना और जोगबाड़ी गांवों में भी 28.96 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। प्रस्तावित जगह की जांच के लिए कामगिरी शुरू कर दिया गया है। 
आपको बता दें की फरवरी 2019 में महिसागर जिले में आखरी बार बाघ को देखा गया था। बाघ ने महाराष्ट्र से 300 किमी की दूरी तय कर के आया था। महिसागर और पंचमहल जिले की सीमा पर एक स्थानीय शिक्षक महेशभाई मेहरा ने पहली बार बाघ को देखा और उसकी एक तस्वीर ली। इसकी जांच के लिए वन विभाग ने जंगल में नाइट विजन कैमरे लगाए थे। वन विभाग के 200 लोग बाघ को खोजने में लगे थे। कैमरे में तस्वीर कैद होने के बाद बाघ होने की पुष्टि हुई।
बता दें कि एशियाई शेरों का एकमात्र घर रहा गुजरात कभी एशियाई बाघों की आबादी का घर था। अधिकांश बाघ डांग के जंगलों में पाए जाते थे। हालांकि, राज्य में बाघों की संख्या में गिरावट जारी है। इसको लेकर पहली चिंता तब थी जब साल 1997 में गुजरात में उतने ही बाघ थे जितने ऊँगली पर ही गिने जा सकते थे। बात होती थी। दस साल बाद हुई एक जनगणना के मुताबिक गुजरात में सिर्फ 12 बाघ ही बचे हैं। हालांकि 1992 की जनगणना के अनुसार गुजरात में बाघ नहीं बचा था। सेंचुरी वेबसाइट के अनुसार, बाघ को 1997 में गुजरात में देखा गया था। हालांकि, राज्य में फिर से कोई बाघ नहीं देखा गया है। राज्य में देखा जाएगा।
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