गुजरात : “पानी और बिजली बचाकर देश की सेवा करें, ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करें

गुजरात :  “पानी और बिजली बचाकर देश की सेवा करें, ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करें

प्रधानमंत्री ने जल शक्ति के साथ जनशक्ति को जोड़कर गुजरात को बनाया वाटर डेफिसिट से वाटर सरप्लस राज्यः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पानी को विकास का मुख्य आधार करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल शक्ति की महत्ता को समझते हुए उसे जनशक्ति के साथ जोड़कर गुजरात को ‘वाटर डेफिसिट’ यानी पानी की कमी वाले राज्य से ‘वाटर सरप्लस’ अर्थात जल अधिशेष वाला राज्य बनाया है। शनिवार को गांधीनगर के कोलवड़ा गांव से सुजलाम सुफलाम जल अभियान के पांचवें चरण का राज्यव्यापी प्रारंभ करते हुए उन्होंने यह बात कही। उल्लेखनीय है कि गुजरात में भूमिगत जलस्तर को ऊंचा उठाने और जहां जितनी बरसात होती है, उसी जगह उसका संग्रहण करने के उम्दा उद्देश्य के साथ जनजागरूकता पैदा करने के लिए वर्ष 2018 से यह जल अभियान चलाया जा रहा है। चेकडैम, बोरी बांध, सुजलाम सुफलाम योजना, नर्मदा केनाल नेटवर्क और सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना (सौनी योजना) जैसे जल संचयन, जल सिंचन और संग्रहण के आयामों से राज्य में भूमिगत जलस्तर ऊंठा उठा है और किसानों के खेतों में पानी पहुंचा है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुजलाम सुफलाम अभियान के परिणामस्वरूप भूमिगत जलस्तर ऊंठा उठेगा और केवल लोगों को ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी सभी को पर्याप्त पानी मिलने लगेगा। भूपेंद्र पटेल ने कहा कि हम पानी और बिजली बचाकर देश की सेवा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने जल आत्मनिर्भरता के जरिए ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को साकार करने की भी प्रेरणा दी। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को पानी की समस्या या मुश्किलों का सामना न करना पड़े, उसके लिए राज्य सरकार जल प्रबंधन के आयोजनों के साथ निरंतर सजग है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हर घर जल योजना के अंतर्गत ‘नल से जल’ का जो अभियान शुरू किया है, गुजरात उसमें भी आगे रहेगा। राज्य में वर्ष 2022 के अंत तक हर घर को नल से जल पहुंचाने का संकल्प सौ फीसदी साकार करने की प्रतिबद्धता भी उन्होंने व्यक्त की। 
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पानी का महात्म्य उजागर करते हुए कहा कि पानी परमात्मा का प्रसाद और पारसमणि है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने भी पानी का उपयोग ‘घी’ की तरह करने की सीख दी है। अब समय की मांग है कि सभी इस सीख पर अमल कर पानी की बर्बादी रोकें और जल का संचय करें। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि लोग पानी की खपत में कमी करके तथा रासायनिक खाद मुक्त प्राकृतिक खेती अपनाकर सच्चे अर्थ में धरती माता को सुजलाम सुफलाम बनाने के इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में जुड़ें। मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल ने कोलवड़ा गांव के तालाब के गहरीकरण कार्य की शुरुआत कर जल अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। पांचवे चरण के इस सुजलाम सुफलाम जल अभियान के अंतर्गत 31 मई, 2022 तक समग्र राज्य में 13 हजार से अधिक कार्य किए जाएंगे। तालाबों को गहरा करना,  चेकडैम के डिसिल्टिंग कार्य, जलाशय के डिसिल्टिंग कार्य, नदी-नालों की साफ-सफाई कर पुनर्जीवित करने के कार्य, चेकडैम के मरम्मत तथा नए चेकडैम बनाने जैसे जल संचयन के कार्य सुजलाम सुफलाम जल अभियान के अंतर्गत किए जाते हैं। इस वर्ष ऐसे कार्यों के द्वारा जल संग्रहण क्षमता में लगभग 15 हजार लाख घन फीट वृद्धि होने का अनुमान है। मनरेगा के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों के मार्फत यह अभियान लगभग 25 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन करेगा। इस जल अभियान के चार चरणों में जन सहयोग से राज्य को शानदार सफलता मिली है। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 के दौरान सुजलाम सुफलाम जल अभियान के अंतर्गत 56,698 कार्य सम्पन्न हुए हैं। जिसके तहत 21,402 तालाबों को गहरा करने और नए तालाब बनाने के कार्य, 1204 नए चेकडैम बनाने के कार्य तथा 50,353 किलोमीटर लम्बाई में नहरों तथा नालों की साफ-सफाई के कार्य किए गए हैं। इन कार्यों के परिणामस्वरूप 4 वर्ष में जल संग्रहण क्षमता में कुल 61,781 लाख घन फीट की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, 156.93 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ है।
गांधीनगर के विधायक शंभूजी ठाकोर ने कहा कि शनिवार से गांधीनगर के कोलवडा से सुजलाम सुफलाम जल अभियान-2022 का राज्यव्यापी शुभारंभ हुआ है। राज्य में वर्षा के वितरण में असमानता है। इसके परिणामस्वरूप भूजल की खपत बढ़ गई है। पानी की खपत को लेकर जागृति लाने तथा पानी की संग्रहण क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्ष 2018 से पूरे राज्य में यह अभियान शुरू किया गया था। कोरोना काल में भी इस अभियान को जारी रखा गया था।  
इस अभियान के शुभारंभ अवसर पर दहेगाम के विधायक बलराजसिंह चौहाण, गांधीनगर जिला पंचायत के अध्यक्ष दिलीपभाई पटेल सहित कई महानुभाव और कोलवड़ा गांव के नागरिक उपस्थित थे
गांधीगर के महानगर पालिका के महापौर  हितेष मकवाणा ने कहा कि राज्य में अनियमित और अपर्याप्त मात्रा में बारिश होती है। गुजरात की भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखकर राज्य में जल संग्रह करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए समग्र राज्य में पिछले चार वर्षों से यह अभियान चलाया जा रहा है। गांधीनगर जिले में चार वर्ष में 658 कार्य किए गए हैं। जिसमें तालाब तथा चेकडैम गहरा करने के 389 कार्य, खेत तालाब तथा वन तालाब के 63 कार्य और अन्य जल संचयन के कार्य जैसे कि स्टॉर्म वॉटर लाइन की साफ-सफाई, वर्षा जल संचयन के कार्य, नदियों का शुद्धिकरण आदि के 206 कार्य किए गए हैं। इससे जिले की जल संचयन शक्ति में कुल 617 लाख घन फीट की वृद्धि हुई है।
इस अभियान के शुभारंभ अवसर पर दहेगाम के विधायक बलराजसिंह चौहाण, गांधीनगर जिला पंचायत के अध्यक्ष दिलीपभाई पटेल, गांधीनगर महानगर पालिका के उप महापौर प्रेमलसिंह गोल, स्थायी समिति के चेयरमैन जसंवतभाई पटेल, जिला भाजपा अध्यक्ष अनिलभाई पटेल, राज्य के मुख्य सचिव पंकज कुमार, जल संसाधन सचिव के.ए. पटेल, जिला विकास अधिकारी सुरभी गौतम, जलसंपत्ति विभाग के के.बी. राबड़िया और श्री खलियाणी सहित कई महानुभाव और कोलवड़ा गांव के नागरिक उपस्थित थे।
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