अपने बच्चों को खेलने दे माँ-बाप, सफल खिलाड़ी को मिलनी चाहिए तालियों की गड़गड़ाहट-प्रधानमंत्री मोदी

अपने बच्चों को खेलने दे माँ-बाप, सफल खिलाड़ी को मिलनी चाहिए तालियों की गड़गड़ाहट-प्रधानमंत्री मोदी

गुजरात दौरे के दुसरे दिन 11वें खेल महाकुंभ का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित किया

अपने गुजरात दौरे के दुसरे दिन 11वें खेल महाकुंभ का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों को खेल के मैदान से बाहर धकेलने की कोशिश न करें। खेल महाकुंभ ने खेलों के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है और विश्व मंच पर भारतीय ध्वज फहराने के लिए युवाओं को गौरवान्वित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे के दूसरे दिन शनिवार को अहमदाबाद में खेल महाकुंभ 2022 का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा मेरे सामने युवा जोश का ये सागर, ये उमंग, ये उत्साह की लहरें बता रही हैं कि गुजरात का नौजवान आसमान छूने को तैयार है। ये न केवल खेलों का महाकुंभ है बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी युवाओं को 11वें खेल महाकुंभ के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा “गांव, तालुका या जिले के प्रत्येक परिवार को गांव में होने वाले खेल उत्सव को देखने के लिए उपस्थित होना चाहिए और सफल खिलाड़ी को तालियों की गड़गड़ाहट के साथ बधाई देना चाहिए। आपकी उपस्थिति और तालियों की गड़गड़ाहट भी युवा खिलाड़ियों के हौसले को बुलंद करती है, जो युवाओं को एक नए भारत के निर्माण के लिए भी तैयार करेगी।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के युवाओं से गुजरात में 1600 किमी वाले समुद्र तट वाले खेल की संस्कृति को जारी रखने का आह्वान किया। इसके माध्यम से देश की ताकत में मूल्यवर्धन किया जा सकता है और राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान दिया जा सकता है।
उन्होंने 11वें खेल महाकुंभ को गुजरात की युवा शक्ति का महाकुंभ बताते हुए कहा "12 साल पहले 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते गुजरात में खेल महाकुंभ की शुरूआत की थी। आज मैं कह सकता हूं कि जिस सपने का बीज मैंने बोया था, वो आज वट वृक्ष बनता दिख रहा है। उस बीज को मैं आज इतने विशाल वट वृक्ष का आकार लेते देख रहा हूं।" उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी भी एक बड़ा फैक्टर थी। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा परेशानियों से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भंवर से निकलकर भारत के युवा आज आकाश छू रहे हैं। गोल्ड और सिल्वर की चमक देश के आत्मविश्वास को चमका रही है।
इसी महाकुंभ के माध्यम से भारतीय खिलाड़ी तपस्या कर रहे हैं और गुजरात के विचारों को पूरी दुनिया में फैला रहे हैं। आज गुजरात ओलिंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में खेल रहा है। हम आने वाले वर्षों में खेल महाकुंभ की मदद से ऐसी और प्रतिभाओं को सामने आते देखेंगे। एक समय में भारत की पहचान एक या दो मैचों में ही थी। लेकिन आज अपने खेल के लिए बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण के प्रावधान और एथलीटों के चयन में पारदर्शिता के साथ, देश के युवाओं को टोक्यो ओलंपिक में 7 स्वर्ण पदक और टोक्यो पैरालिंपिक में 19 पदक मिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे गुजरात और भारत के युवाओं पर भरोसा है। यह सिर्फ पदक जीतने की शुरुआत है।" हिन्दुस्तान के युवा न रुकेंगे, न थकेंगे। मुझे देश के युवाओं की इस ताकत पर भरोसा है। मुझे उनके सपनों, दृढ़ संकल्प और समर्पण में विश्वास है। आज के युवाओं को दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ खेलों में शामिल होना चाहिए। भारत के युवा वोकल फॉर लोकल, मेक इन इंडिया, सॉफ्टवेयर, डिफेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित सभी क्षेत्रों में अपनी पैठ बना सकेंगे। यह उनकी ताकत है जिसने दुनिया के देशों को आज भारत को एक महान शक्ति के रूप में देखने के लिए मजबूर किया है। जो खेलेगा वह फलेगा-फूलेगा।
बता दें कि 11 को खेल महाकुंभ के विमोचन के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात को खेल के वैश्विक मानचित्र पर लाने के संकल्प के साथ 2022-27 की अवधि के लिए नई खेल नीति की घोषणा की। उन्होंने गुजरात को खेल संस्कृति का केंद्र और खेल के सामानों का केंद्र बनाने का भी संकल्प लिया। उन्होंने गुजरात में 4 नए विश्व स्तरीय खेल केंद्र बनाने और गुजरात को दुनिया का खेल केंद्र बनाने का भी फैसला किया।