गुजरात : दाहोद में 68500 से अधिक वनबंधुओं को 380 करोड़ रुपए की विभिन्न सहायता का वितरण

गुजरात : दाहोद में 68500 से अधिक वनबंधुओं को 380 करोड़ रुपए की विभिन्न सहायता का वितरण

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वनबंधु क्षेत्र दाहोद से ग़रीब कल्याण मेले के 12वें चरण का राज्यव्यापी शुभारंभ कराया

ग़रीब कल्याण मेलों ने ग़रीबों को ‘ग़रीबी में अब नहीं ही रहना है’ का स्वाभिमान दिया और नई शक्ति दी है : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को वनबंधु क्षेत्र दाहोद से ग़रीब कल्याण मेले के 12वें चरण का राज्यव्यापी प्रारंभ कराते हुए स्पष्ट मत व्यक्त किया कि ग़रीब कल्याण मेलों ने ग़रीबों में ‘अब ग़रीबी में नहीं ही रहना है’ का स्वाभिमान दिया तथा नई शक्ति दी है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि वर्ष 2009-10 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी ने ग़रीबों को ग़रीबी से बाहर लाकर उनके आर्थिक सशक्त‌िकरण के लिए ग़रीब कल्याण मेले का अभिनव विचार दिया था। उनकी प्रेरणा तथा मार्गदर्शन में गुजरात ने अब तक ग़रीब कल्याण मेलों के 11 चरणों में 1530 ग़रीब कल्याण मेलों के माध्यम से 1 करोड़ 47 लाख ग़रीब व ज़रूरतमंद लोगों को 26 हज़ार 600 करोड़ रुपए से अधिक के सहायता-लाभ हाथों-हाथ पहुँचाए हैं।
ग़रीब कल्याण मेलों के 12वें चरण के शुभारंभ में दाहोद में आयोजित ग़रीब कल्याण मेले में 68500 से अधिक लाभार्थियों को लगभग 380 करोड़ रुपए के लाभ-सहायता का वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग़रीब कल्याण मेलों का उद्देश्य केवल सरकारी सहायता देना ही नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई की दीर्घदृष्टि से शुरू किए गए ये ग़रीब कल्याण मेले ग़रीबों के सशक्त‌िकरण का महाभियान बने हैं। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में विस्तृत भूमिका दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम इस सशक्त‌िकरण अभियान को और तेज़ बना कर ग़रीब को आत्मनिर्भर करते हुए ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग़रीब कल्याण मेले में किसी पर दया, उपकार करने या किसी की सहायता करने का भाव नहीं है, बल्कि ये ग़रीबों को उनका अधिकार देने का सेवा यज्ञ है। इसके अंतर्गत समग्र प्रशासन सही लाभार्थियों की पहचान करने तथा ग़लत लोगों को लाभ न लेने देने के प्रति पर्याप्त सावधानी बरतने के साथ ग़रीबों को खोज कर उन्हें हाथों-हाथ सहायता तथा लाभ पहुँचाने को प्रेरित हुआ है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने डंके की चोट पर कहा कि ग़रीबों के नाम पर वर्षों तक राजनीतिक रोटियाँ सेकने वालों ने ग़रीब को वोट बैंक की राजनीति ही बना कर रखा। ऐसे लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी द्वारा अपनाई गई विकास की राजनीति की समझ नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री ने गुजरात में पिछले ढाई दशकों तथा देश भर में वर्ष 2014 से विकास की राजनीति का नया युग शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्रभाई ने सही अर्थ में ग़रीब को सशक्त किया और जनधन योजना, ग़रीब माता-बहनों के लिए उज्ज्वला योजना, ग़रीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, बीमा सुरक्षा योजना तथा आयुष्मा भारत योजना से ग़रीब को ग़रीबी रेखा से ऊपर उठा कर स्वाभिमानपूर्वक जीने योग्य बनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती शासकों ने स्वतंत्रता के साढ़े छह दशकों तक ग़रीबों को मतपेटियों में भरने का एक माध्यम ही बनाए रखा था। भारतीय जनता पार्टी ने  नरेंद्रभाई के नेतृत्व में निर्धन-वंचित के उत्थान का अभियान शुरू किया और ग़रीब कल्याण के लिए करोड़ों रुपए का बजट आवंटित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में शुरू हुआ ग़रीब सशक्त‌िकरण के सेवा यज्ञ के समान ग़रीब कल्याण मेला प्रो-पुअर गवर्नेंस के अध्ययनकर्ता-शोधकर्ताओं के लिए सफल केस स्टडी बन गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा ग़रीबों के उत्थान के लिए उठाए जा रहे हैं सर्वांगीण कल्याणकारी क़दम ः सांसद जसवंतसिंह भाभोर 
ग़रीब कल्याण मेले के 12वें चरण का राज्यव्यापी शुभारंभ

पंचायत राज्य मंत्री  ब्रिजेशभाई मेरजा ने कहा कि राज्य सरकार भोजन से वंचित लोगों की भूख मिटाने की प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदी द्वारा प्रेरित ग़रीब कल्याण मेले का 12वाँ चरण भी ग़रीबों के उत्थान में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। दाहोद ज़िले में भी इस ग़रीब कल्याण मेले के माध्यम से ग़रीबों को 380 करोड़ रुपए से अधिक के लाभ मिलेंगे। उन्होंने कहा कि रोज़गार विभाग द्वारा सुशासन सप्ताह के दौरान दाहोद के 288 युवाओं को रोज़गार प्राप्त हुआ है, जबकि ज़िले में आयोजित 72 भर्ती मेलों में 1000 से अधिक युवाओं ने रोज़गार प्राप्त किया है। इसके अलावा राज्य में पंचायत विभाग की 19 कैडर में 13 हज़ार रिक्तियाँ भरी गई हैं। दाहोद ज़िले में तहसील विकास अधिकारी के सभी रिक्त पद भर दिए गए हैं।
दाहोद के सांसद जसवंतसिंह भाभोर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा ग़रीबों के उत्थान के लिए सर्वांगीण कल्याणकारी क़दम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने नागरिकों को होने वाली असुविधाओं के निवारण के लिए 121 दिनों में 200 से अधिक निर्णय लेकर प्रशासनिक सरलता स्थापित की है। आय प्रमाण पत्र की अवधि बढ़ाने, शपथ पत्र से मुक्ति जैसे निर्णय इस बात के उदाहरण हैं। वे आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए निरंतर चिंतित हैं। इस अवस पर विभिन्न समाज, सेवाभावी संस्थाओं, संगठन के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री  भूपेंद्र पटेल का अभिवादन किया गया।
प्रारंभ में ज़िला कलेक्टर डॉ. हर्षित गोसावी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से दाहोद को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत शहर के सर्वांगीण विकास के लिए 26 विभिन्न प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, जिनमें 187 करोड़ रुपए की लागत वाले 8 प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं, जबकि 474 करोड़ की लागत वाले विभिन्न विकास कार्य प्रगति पर हैं। ज़िला विकास अधिकारी सुश्री नेहा कुमारी ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर विधानसभा सचेतक रमेश कटारा, ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शीतलबेन वाघेला, विधायक तथा पूर्व मंत्री बचुभाई खाबड, शैलेषभाई भाभोर, मुख्य सचिव पंकज कुमार, प्रभारी सचिव  राजकुमार बेनीवाल, पुलिस उप महानिरीक्षक (पंचमहाल-गोधरा रेंज) एम. एस. भराडा, शंकरभाई अमलियार, भार्गवभाई भट्ट, अग्रणी, पदाधिकारी, अधिकारी सहित बड़ी संख्या में लाभार्थी तथा नागरिक उपस्थित रहे।
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