गुजरात : मुख्य अधिकारियों से जनहित कार्यों का दायरा बढ़ाने का मुख्यमंत्री का आह्वान
By Loktej
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ऑनलाइन सेवाएं विकसित करें, ताकि नागरिकों को अपने कार्यों के लिए नगर पालिका कार्यालय आना ही न पड़े
सुशासन के मॉडल के तौर पर गुजरात की साख को बरकरार रखने का दायित्व निभाएं मुख्य अधिकारी
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य की नगर पालिकाओं के मुख्य अधिकारियों को नगर पालिकाओं का आधार करार देते हुए कहा कि सुशासन के मॉडल के तौर पर देश में स्थापित गुजरात की साख को बरकरार रखने तथा अन्य राज्यों की तुलना में शहरी विकास के कार्यों में गुजरात को हमेशा आगे रखने का दायित्व उन्हें निभाना है। मंगलवार को गांधीनगर में शहरी विकास विभाग की ओर से राज्यभर की नगर पालिकाओं के मुख्य अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यह बात कही।
मुख्य अधिकारियों से मुखातिब श्री रूपाणी ने कहा कि सुशासन मॉडल और शहरी विकास की गुजरात की विशिष्ट प्रणाली पर सभी की निगाहें हैं। इतना ही नहीं, विशेषकर नगरों और महानगरों में रोजी-रोटी के लिए अन्य राज्यों के लोग भी आकर बसते हैं और वे भी संबंधित नगर की सुख-सुविधा और विकास कार्यों की गति एवं दायरे को देखकर शहरों के विकास को लेकर अवधारणा बनाते हैं। ऐसी स्थिति में अब समय की मांग है कि नगर पालिका के मुख्य अधिकारी इस तरह से कार्य करें जो लोगों का ध्यान आकर्षित करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कुल आबादी का करीब ५० फीसदी हिस्सा शहरों में रहता है। ऐसे में, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का सम्यक, सर्वांगीण, संतुलित और टिकाऊ विकास करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने ‘जहां नागरिक, वहां सुविधा’, ‘न्यूनतम साधनों का अधिकतम उपयोग’ और ‘विवाद नहीं संवाद’ इन तीन ध्येय मंत्रों के साथ जनहित और नगर कल्याण के कार्य करने की मुख्य अधिकारियों को सीख दी।
उन्होंने कहा कि नगरों में सड़क, गटर, लाइट और पानी जैसी बुनियादी सुदृढ़ सेवाएं हों साथ ही शहरों के व्यापक विकास को उच्च प्राथमिकता देकर नागरिक केंद्रित सेवाओं को ऑनलाइन बनाना, शहरों को स्मार्ट और आधुनिक बनाना तथा लोगों को अपने काम के लिए नगर पालिका कार्यालय के चक्कर काटने के बजाय घर बैठे ऑनलाइन सेवाएं मिले ऐसी सुविधाएं विकसित करना आवश्यक है।
श्री रूपाणी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि थ्री टायर सिस्टम में हमारे लोकतंत्र में ग्राम पंचायत और नगर पालिका जैसी संस्थाओं की अलग स्वायत्तता है। चुने हुए जनप्रतिनिधियों को लोगों की आशा-अपेक्षाओं को पूरा कर लोकतंत्र को मजबूत बनाना है और मुख्य अधिकारियों को भी व्यापक जनहित केंद्रित कार्यों के जरिए सहयोग देना है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि आप लोगों के पास इस बात की स्वायत्तता है कि आपके शहर का खास विकास जनरल बोर्ड की बैठक में ही निर्णय करके किया जा सकता है, तब हाल ही में चुने गए युवाओं और मुख्य अधिकारियों की युवा टीम ऐसे अनोखे विकास विजन के साथ कार्यरत हो।
उन्होंने कहा कि हमें अपने शहरों में ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करनी है जिसमें शिकायतों की गुंजाइश न रहे और लोगों के व्यापक हित और जनकल्याण के विकास कार्य सक्रिय रूप से हों।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की मंशा व्यक्त करते हुए साफ तौर पर कहा कि यह जरूरी है कि लोगों की पाई-पाई का सदुपयोग हो। मुख्य अधिकारी शहर के जनहित के कार्यों की साइट का दौरा करे और कार्यों की गुणवत्ता की जांच करे। उन्होंने कहा कि चुने हुए पदाधिकारियों के साथ सामंजस्यपूर्ण और उचित व्यवहार के संबंध बरकरार रहने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य अधिकारियों को स्पष्ट ताकीद की कि वे किसी पदाधिकारी के दबाव में आए बिना विकास कार्यों में कार्यरत रहें। गलत कार्य के लिए दबाव बनाने वालों के खिलाफ सरकार से गुहार लगाएंगे तो सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। लेकिन आप इस तरह से जनहित के कार्य करें कि आपकी शिकायतें ही न आएं, आपके तबादले की मांग नहीं बल्कि आपका तबादला रोकने की मांग सरकार से की जाए।
श्री रूपाणी ने यह भी कहा कि मुख्य अधिकारियों के कामकाज के प्रदर्शन के आधार पर उनकी संबंधित वर्ग की नगर पालिका में पदोन्नति के लिए भी शहरी विकास विभाग विचार कर रहा है।
उन्होंने राज्य के नगरों में टैक्स कलेक्शन, वर्ष 2022 से पहले हर घर जल योजना के तहत घरों में नल कनेक्शन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), गटर कनेक्शन, उपचारित जल का पुनःउपयोग (रियूज ऑफ ट्रीटेड वाटर), ठोस कचरा प्रबंधन तथा अनूठी पहचान के कार्य, फायर ब्रिगेड सिस्टम, रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज आदि शहरी सुख-सुविधा के कार्यों में भी योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़कर गति लाने के सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ज्यादा से ज्यादा नगर पालिकाओं को सौर ऊर्जा की दिशा में प्रेरित करने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी गुजरात म्युनिसिपल फाइनेंस बोर्ड कोई कार्ययोजना बनाए।
शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुकेश पुरी ने कहा कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली सरकार में शहरों के विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के ऐसे प्रोत्साहन से शहरों के विकास कार्यों का अधिकतम लाभ लोगों को मुहैया कराने का सुदृढ़ आयोजन हमें करना चाहिए। एक दिवसीय कार्यशाली के प्रारंभ में कमिश्नर म्युनिसिपालिटीज एडमिनिस्ट्रेशन राजकुमार बेनिवाल, शहरी गृह निर्माण के सचिव श्री लोचन शहेरा और म्युनिसिपल फाइनेंस बोर्ड के श्री पट्टणी ने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत कर कार्यों और प्रगति का ब्यौरा दिया। गुजरात म्युनिसिपल फाइनेंस बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. धनसुखभाई भंडेरी, रीजनल म्युनिसिपल कमिश्नर, मुख्यमंत्री के ओएसडी कमल शाह सहित शहरी विकास विभाग के अधिकारी इस कार्यशाला में मौजूद थे।
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