गुजरातः सूरत के बाद गांधीनगर पर है आम आदमी पार्टी की नजर!

गुजरातः सूरत के बाद गांधीनगर पर है आम आदमी पार्टी की नजर!

18 अप्रैल को गांधीनगर में चुनाव होने हैं और नतीजे 20 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे।

अब पार्टी गांधीनगर में भी मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी कर रही है 
गुजरात के पाटनगर  गांधीनगर नगर निगम चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को कठिन स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि वह इस बार सभी 44 सीटों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी  उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी, जिससे भाजपा तो ठीक परंतु कांग्रेस को बड़ा नुकसान होगा।  
गुजरात में गांधीनगर एक ऐसा शहर है जहाँ भाजपा नहीं जीतती है। चाहे वह नगरपालिका चुनाव हो या जिला पंचायत चुनाव, कांग्रेस जीतती है और सत्ता में आती है। लेकिन कांग्रेस ने कभी सत्ता बरकरार नहीं रखी। कांग्रेस को आंतरिक विवाद के कारण मिली शक्ति को हमेशा खोना पड़ा है। पहले चुनाव में, कांग्रेस ने 18 सीटें और भाजपा ने 15 सीटें जीती थीं।
महापौर विवाद के कारण उस समय महानगर में कांग्रेस की सत्ता खो गई थी। फिर 2015 में भी पार्टी मतभेद के कारण कांग्रेस सत्ता से बाहर रही। कांग्रेस के उम्मीदवार भाजपा में शामिल हो गए और चुनाव परिणाम टाई हो गया, क्योंकि दोनों दलों को समान संख्या में सीटें मिलीं।
अब, अप्रैल 2021 में होने वाले तीसरे महानगरीय चुनावों के साथ, मुख्य प्रतियोगिता भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं है, बल्कि त्रिकोणीय लड़ाई है। इस महानगर में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस चुनाव को जीतने के लिए शहर के 11 वार्डों के लिए 22 विधायकों को मैदान में उतारा। महानगर में कुल 44 सीटें हैं। कांग्रेस किसी के साथ गठबंधन बनाने के मूड में नहीं है।
भाजपा ने कांग्रेस के विजयी उम्मीदवारों को टिकट देकर महानगर चुनाव जीतने की रणनीति बनाई है और पार्टी नए चेहरों के साथ मैदान में उतरेगी, जबकि कांग्रेस ने जातिवाद का कार्ड खेला है और उसे इसकी जिम्मेदारी 12 विधायकों को सौंपी गई है। एक वार्ड में दो विधायक चुनाव जीतने की प्रक्रिया में होंगे।
18 अप्रैल को गांधीनगर में चुनाव होने हैं और नतीजे 20 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने 11 वार्डों के लिए पांच रिटर्निंग अधिकारी और पांच सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किए हैं। गुजरात के छह महानगरों में तुनाव हुए वहां आम आदमी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा था। जिसमें  सूरत में आम आदमी  पार्टी ने जीत दर्ज की है। सूरत में पहली बार आम आदमी पार्टी के 27 उम्मीदवार जीते और पार्षद बने। अब पार्टी गांधीनगर में भी मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी कर रही है।
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