गुजरात की अदालत ने गोहत्या मामले में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई

गुजरात की अदालत ने गोहत्या मामले में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई

अमरेली (गुजरात), 12 नवंबर (भाषा) गुजरात के अमरेली शहर की एक सत्र अदालत ने गोहत्या के एक मामले में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई और उन पर 18 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया। अभियोजन पक्ष ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि गुजरात में यह पहला मामला है, जिसमें गोहत्या के मामले में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

विशेष सरकारी वकील चंद्रेश मेहता ने बताया कि सत्र न्यायालय की न्यायाधीश रिजवाना बुखारी ने मंगलवार को तीन आरोपियों -- कासिम हाजी सोलंकी, सत्तार इस्माइल सोलंकी और अकरम हाजी सोलंकी -- को गोहत्या मामले में गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2017 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया और उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई।

मेहता ने बताया कि अदालत ने तीनों पर 18 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

मामले के विवरण के अनुसार, पुलिस को 2023 में अमरेली शहर में कुछ लोगों द्वारा गायों को पकड़कर उनका वध करने और गोमांस बेचने की सूचना मिली थी।

सूचना पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने शहर के एक मकान पर छापा मारा और मौके से 40 किलोग्राम गोमांस, वध की गईं गायों के अंग और इसमें इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरण बरामद किए। कासिम सोलंकी को तुरंत पकड़ लिया गया, जबकि अन्य दो आरोपी भागने में सफल रहे थे लेकिन बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

मेहता ने बताया कि अदालत में पेश की गई दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने तीनों को गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम की धारा 5 के तहत दोषी करार दिया और आरोपियों में से प्रत्येक पर 5,00,000 रुपये (कुल 15 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया।

आरोपियों को इसी अधिनियम की धारा 6 (बी) (गोमांस या गोमांस उत्पादों की बिक्री या खरीद पर प्रतिबंध) के तहत सात साल की जेल और प्रत्येक पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। उन्हें कुछ जानवरों को मारने, जहर देने, अपंग बनाने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत भी दोषी करार दिया गया।

मेहता ने कहा, ‘‘गुजरात में यह पहली बार है जब किसी अदालत ने गोहत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।’’

गुजरात सरकार ने फैसले की सराहना की और उसके प्रवक्ता जीतू वघानी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली सरकार गोरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

वघानी ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘गाय भारतीय संस्कृति और आस्था के केंद्र में है। राज्य सरकार गोहत्या जैसे अपराधों पर कोई दया नहीं दिखाएगी।’’

गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 2011 में गोहत्या के खिलाफ एक सख्त कानून पारित किया था। बाद में 2017 में इस कानून में संशोधन किया गया और आजीवन कारावास का प्रावधान जोड़ा गया।

वघानी ने कहा, ‘‘इस फैसले से साफ है कि राज्य सरकार गाय के साथ अन्याय करने वालों को कड़ा कानूनी सबक सिखाएगी। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद भविष्य में गोहत्या के बारे में सोचने वाले भी कांप उठेंगे।’’