मोदी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित भारत के पहले डिजिटल संग्रहालय का उद्घाटन किया

मोदी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित भारत के पहले डिजिटल संग्रहालय का उद्घाटन किया

रायपुर, एक नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नवा रायपुर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित भारत के पहले डिजिटल संग्रहालय का उद्घाटन किया।

अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने वाले छत्तीसगढ़ के प्रसिध्द स्वतंतत्रा सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह और आदिवासी नायकों की स्मृतियों को संजोने तथा भावी पीढ़ी तक उनके प्रेरणास्पद कार्यों को पहुंचाने के लिए नवा रायपुर में भारत का पहला डिजिटल संग्रहालय बनाया गया है।

'शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक एवं जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय' नामक इस संग्रहालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के अपने एक दिन के दौरे के दौरान किया।

अधिकारियों ने बताया कि लगभग 10 एकड़ ज़मीन पर 50 करोड़ रुपये की लागत से बना यह म्यूज़ियम सोनाखान के ज़मींदार और छत्तीसगढ़ के पहले शहीद स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने ब्रिटिश अत्याचार के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था।

उन्होंने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे - हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रेाह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह तथा जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन 14 वीथिकाओं में किया गया है। जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर एक-एक वीथिका का भी निर्माण किया गया है।

राज्य के आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि यह स्मारक सह- संग्रहालय छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बारीकी के साथ अध्ययन एवं शोध के बाद ‘वीएफएक्स टेक्नोलॉजी’ और ‘प्रोजेक्शन वर्क’ के साथ तैयार किया गया है।

बोरा के मुताबिक संग्रहालय देखने वाले आगंतुकों को आदिवासी विद्रोह का वर्णन ‘स्टैच्यू’ के पास ही लगे डिजिटल बोर्ड पर उपलब्ध रहेगा। आगंतुक संग्रहालय में आदिवासी विद्रोह को जीवंत महसूस कर सकेगा। आगंतुक प्रत्येक गैलरी में बनाई गई जीवंत प्रस्तुति के सामने स्कैनर से मोबाइल द्वारा स्कैन कर संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।

बोरा ने बताया कि इस संग्रहालय में ‘सेल्फी पॉइंट’, दिव्यांग सुविधाएं, बुजुर्गों के लिए विशेष इंतजाम, आदिवासी कलाकृतियों से सजा फर्श, भगवान बिरसा मुंडा, शहीद गैंदसिंह और अन्य की मूर्तियां भी लगाई गई है, जो लोगों के लिए प्रेरणाप्रद होंगे।