मुंबई महानगर क्षेत्र दुनिया की अग्रणी शहरी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने को तैयार: एमएमआरडीए
मुंबई, 21 अक्टूबर (भाषा) मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के अधिकारियों ने कहा है कि मुंबई महानगरीय क्षेत्र 2047 तक दुनिया की अग्रणी शहरी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरने के लिए तैयार है।
प्राधिकरण ने कहा कि उस समय तक एमएमआर का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 1,200-1,500 अरब अमेरिकी डॉलर और जनसंख्या 3.6 से 3.8 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ जिलों से मिलकर बना एमएमआर 6,328 वर्ग किलोमीटर में फैला है और टिकाऊ तथा समावेशी शहरी विकास पर केंद्रित एक दीर्घकालिक योजना के माध्यम से बड़े बदलाव के लिए तैयार है।
एमएमआरडीए के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन अधिकारी शंकर देशपांडे ने एमएमआर को तोक्यो, लंदन और सिंगापुर जैसे वैश्विक आर्थिक केंद्रों के बराबर स्थापित करने की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके मुताबिक, एमएमआर की प्रति व्यक्ति आय 33 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक होगा, जो जापान और इटली के वर्तमान स्तर के बराबर है।
देशपांडे ने कहा, ''आगे बढ़ते हुए 2047 तक एमएमआर 3.6-3.8 करोड़ जनसंख्या, लगभग 1,200-1,500 अरब अमेरिकी डॉलर (124 लाख करोड़ रुपये से 155 लाख करोड़ रुपये) के सकल घरेलू उत्पाद और 38,000 अमेरिकी डॉलर (33.45 लाख रुपये प्रति वर्ष) से अधिक प्रति व्यक्ति आय के साथ दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन सकता है।''
देशपांडे ने जम्मू-कश्मीर की एक मीडिया टीम के समक्ष प्रस्तुति देते हुए कहा कि अगले पांच वर्षों में एमएमआर का लक्ष्य लगभग 25 लाख करोड़ रुपये का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) हासिल करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘जनसंख्या 2023 में 2.58 करोड़ से बढ़कर 2030 तक लगभग 2.9 करोड़ होने का अनुमान है। क्षेत्र की अर्थव्यवस्था 2047 तक लगभग पांच गुना बढ़ने की उम्मीद है, जो बुनियादी ढांचे के विस्तार, रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक विविधीकरण से प्रेरित होगी।’