ट्रंप इजराइल पहुंचे, पश्चिम एशिया में शांति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद

ट्रंप इजराइल पहुंचे, पश्चिम एशिया में शांति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद

तेल अवीव, 13 अक्टूबर (एपी) अमेरिका की मध्यस्थता में इजराइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम और बंधकों को रिहा करने के समझौते को समर्थन जताने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को इजराइल पहुंचे।

ट्रंप ने घोषणा की कि इस समझौते ने युद्ध को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया है तथा इसने पश्चिम एशिया में स्थायी शांति के द्वार खोल दिए हैं।

जैसे ही ट्रंप ‘एयरफोर्स वन’ (अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक विमान) से उतरे, वाहनों का एक काफिला हमास द्वारा समझौते के तहत रिहा किए गए पहले बंधकों को लेकर इजराइल पहुंचा।

इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सैन्य बैंड की धुन के बीच ट्रंप का स्वागत किया। तेल अवीव के ‘होस्टेजेज स्क्वायर’ में भीड़ ने ट्रंप के स्वागत में नारे लगाए। दो साल के युद्ध के दौरान ‘होस्टेजेज स्क्वायर’ प्रदर्शनों का केंद्र रहा।

हालांकि स्थिति नाजुक बनी हुई है, क्योंकि इजराइल और हमास अब भी सात अक्टूबर, 2023 को शुरू हुए संघर्ष को समाप्त करने की योजना के पहले चरण के कार्यान्वयन के शुरुआती चरणों में हैं, जब हमास के नेतृत्व वाले चरमपंथियों ने संघर्ष विराम समझौते को रद्द कर दिया था।

युद्धविराम समझौते के पहले चरण में हमास द्वारा बंधक बनाए गए अंतिम 48 बंधकों की रिहाई, इजराइल द्वारा बंधक बनाए गए सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की रिहाई, गाजा में मानवीय सहायता में वृद्धि और गाजा के मुख्य शहरों से इजराइली बलों की आंशिक वापसी शामिल है।

बंधकों के अपनों से मिलने की खबर से ही परिवारों में खुशी की लहर है और फलस्तीनियों में मानवीय सहायता में वृद्धि की उत्सुकता है। वहीं, ट्रंप को लगता है कि इस क्षेत्र को नया रूप देने और इजराइल एवं उसके अरब पड़ोसियों के बीच लंबे समय से बिगड़े संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए बहुत कम समय बचा है।

ट्रंप ने ‘एयर फोर्स वन’ में अपने साथ यात्रा कर रहे पत्रकारों से कहा, ‘‘युद्ध समाप्त हो गया है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा में हमास और लेबनान में हिज्बुल्ला सहित ईरानी छद्म संगठनों के विनाश के इजराइल के संकल्प के समर्थन में उनके प्रशासन की मध्यस्थता से हुए शांति समझौते की संभावना बढ़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि लोग इससे (युद्ध से) थक चुके हैं और इसी वजह से युद्धविराम कायम रहेगा।’’

‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) ने कहा कि समझौते की दिशा में प्रगति इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि अरब और मुस्लिम देश दशकों से जारी व्यापक इजराइल-फलस्तीन संघर्ष को सुलझाने और कुछ मामलों में अमेरिका के साथ संबंधों को गहरा करने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

फरवरी में ट्रंप ने घोषणा की थी कि गाजा को ‘‘पश्चिम एशिया के रिवेरा’’ के रूप में पुनर्विकसित किया जा सकता है। लेकिन रविवार को एयर फोर्स वन से क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मुझे रिवेरा के बारे में काफी समय से पता नहीं था। यह ध्वस्त हो गया है। यह किसी विध्वंस स्थल जैसा है।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वे इस क्षेत्र का दौरा करेंगे। ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं कम से कम यहां की धरती पर अपने कदम रखना चाहूंगा।’’

ट्रंप पहले बंधकों के परिवारों से मिलेंगे और फिर इजराइल की संसद ‘नेसेट’ को संबोधित करेंगे। यह सम्मान आखिरी बार 2008 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश को मिला था। इसके बाद ट्रंप मिस्र जाएंगे, जहां मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी शर्म अल-शेख में गाजा और पश्चिम एशिया के वृहद क्षेत्र में शांति को लेकर 20 से अधिक देशों के नेताओं के साथ एक शिखर सम्मेलन का नेतृत्व करेंगे।

इजराइल और मिस्र दोनों ने घोषणा की है कि ट्रंप को उनके देशों का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाएगा।

युद्धविराम अभी भी अनिश्चित है और यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्ष युद्ध के बाद गाजा के शासन, क्षेत्र के पुनर्निर्माण और इजराइल की हमास से हथियार त्यागने की मांग पर किसी समझौते पर पहुंचे हैं या नहीं।

इन मुद्दों पर बातचीत विफल होने की आशंका है और इजराइल ने संकेत दिया है कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह सैन्य अभियान फिर से शुरू कर सकता है।

गाजा का अधिकतर हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है और इस क्षेत्र के लगभग 20 लाख निवासी अब भी निराशाजनक परिस्थितियों में संघर्ष कर रहे हैं।

इस समझौते के तहत इजराइल पांच सीमा चौकियों को फिर से खोलने पर सहमत हुआ, जिससे अकाल से जूझ रहे गाजा के कुछ हिस्सों में खाद्य और अन्य आपूर्ति का प्रवाह आसान हो जाएगा।

लगभग 200 अमेरिकी सैनिक युद्धविराम समझौते का समर्थन और निगरानी करने वाली टीम का हिस्सा हैं। इस टीम में भागीदार देश, गैर-सरकारी संगठन और निजी क्षेत्र के संगठन शामिल हैं।