राजनाथ ने सर क्रीक के प्रति आक्रामक रुख के खिलाफ पाकिस्तान को चेतावनी दी
नयी दिल्ली/भुज, दो अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को उसे सर क्रीक क्षेत्र के प्रति किसी भी आक्रामकता के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि इस तरह के किसी भी कदम का ‘‘कड़ा जवाब’’ दिया जाएगा जो ‘‘इतिहास और भूगोल’’ बदल सकता है।
रक्षा मंत्री ने यह टिप्पणी गुजरात के सीमावर्ती शहर भुज के निकट एक सैन्य अड्डे पर सैनिकों के साथ दशहरा मनाते हुए की तथा इस अवसर पर शस्त्र पूजा भी की।
सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है और तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू करना उसका उद्देश्य नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा की गई किसी भी आक्रामकता का करारा जवाब दिया जाएगा, जो इतिहास और भूगोल दोनों को बदल देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘1965 के युद्ध में भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। आज 2025 में पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि कराची जाने का एक रास्ता इसी क्रीक से होकर गुजरता है।’’
सर क्रीक गुजरात के कच्छ के रण और पाकिस्तान के बीच 96 किलोमीटर लंबा ज्वारीय मुहाना है। दोनों पक्षों द्वारा समुद्री सीमा रेखाओं की अलग-अलग व्याख्याओं के कारण इसे एक विवादित क्षेत्र माना जाता है।
सिंह ने कहा, ‘‘आजादी के 78 साल बाद भी सर क्रीक क्षेत्र में सीमा विवाद जारी है। भारत ने बार-बार बातचीत के ज़रिए इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत खोखली और अस्पष्ट है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सर क्रीक से सटे इलाकों में उसके सैन्य बुनियादी ढांचे का हालिया विस्तार उसकी नीयत को दर्शाता है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सतर्कतापूर्वक भारत की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सिंह ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने का असफल प्रयास किया, लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु रक्षा तंत्र को ‘‘बेनकाब’’ कर दिया और दुनिया को संदेश दिया कि वह अपने प्रतिद्वंद्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने की असफल कोशिश की।’’
सिंह ने कहा, ‘‘अपनी जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारतीय सेनाएं जब चाहें और जहां चाहें, पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं।’’
सिंह ने कहा कि भारत ने संयम बरता क्योंकि उसकी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे बढ़ाना और युद्ध छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था। मुझे खुशी है कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। लेकिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।’’
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया। इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं।
रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
सिंह ने कहा, ‘‘यह हमारे सशस्त्र बलों की एकजुटता ही थी जिसने ऑपरेशन सिंदूर को रिकॉर्ड समय में अंजाम दिया। आज इस अवसर पर, मैं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए हमारे बहादुर सैनिकों और अधिकारियों को विशेष बधाई देना चाहता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी रणनीति, आपके साहस और आपके सामर्थ्य ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत हर परिस्थिति में दुश्मन को परास्त करने में सक्षम है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी का साहस, आप सभी का पराक्रम भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करता रहेगा।’’
रक्षा मंत्री ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना को भारत की ताकत के ‘‘तीन स्तंभ’’ बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब ये तीनों सेवाएं मिलकर काम करेंगी, तभी हम हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर पाएंगे।’’
सिंह पिछले कई वर्षों से दशहरा पर शस्त्र पूजा करते आ रहे हैं। उन्होंने पिछली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में भी शस्त्र पूजा की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए हथियार सिर्फ़ औज़ार नहीं हैं। हथियार सिर्फ़ शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं हैं बल्कि, हमारा मानना है कि हथियार धर्म की स्थापना का एक साधन हैं।’’