अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार अर्थव्यवस्था को खुला एवं पारदर्शी बनाएंगे: सीतारमण
चेन्नई, दो सितंबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खुला एवं पारदर्शी बनाएंगे। इससे अनुपालन बोझ में और कमी आएगी एवं छोटे व्यवसायों को लाभ होगा।
तमिलनाडु स्थित सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहीं।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए एक कार्यबल के गठन की घोषणा की है। इसका स्पष्ट उद्देश्य नियमों को सरल बनाना, अनुपालन लागत कम करना तथा स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्यमों और उद्यमियों के लिए एक अधिक अनुकूल परिवेश का निर्माण करना है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘ इसके अतिरिक्त, अगले दो दिन होने वाली परिषद की बैठक के साथ अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की योजनाबद्ध शुरुआत से आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खुली एवं पारदर्शी हो जाएगी। अनुपालन बोझ में और कमी आएगी जिससे छोटे व्यवसायों के लिए फलने-फूलना आसान हो जाएगा।’’
स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़े सुधारों की घोषणा की थी और नागरिकों के लिए दिवाली पर उपहारों का वादा किया था।
सीतारमण ने कहा कि देश के अपने विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण की ओर बढ़ते हुए बैंकों से न केवल ऋण का विस्तार करने बल्कि बुनियादी ढांचे के विकास को गति प्रदान करने, एमएसएमई के लिए समय पर और आवश्यकता-आधारित वित्तपोषण सुनिश्चित करने, बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को औपचारिक बैंकिंग के दायरे में लाने व विविध आवश्यकताओं को पूरा करने का आह्वान किया जाता है। इस लक्ष्य के लिए बैंकिंग क्षेत्र का समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इस परिवर्तन के मार्गदर्शक सिद्धांत विश्वास, प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता होने चाहिए।’’
केंद्रीय वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि पिछले 11 वर्ष में 56 करोड़ जन-धन खाते खोले गए हैं जिनमें कुल जमा राशि 2.68 लाख करोड़ रुपये है। इनमें से अधिकतर खाताधारक महिलाएं हैं।
सीतारमण ने यह भी बताया कि भारतीय अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने परिसंपत्ति गुणवत्ता में बड़ा सुधार दर्ज किया है।
उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने 18 वर्ष में पहली बार देश की दीर्घकालिक साख में सुधार किया है।