रघुराम राजन ने अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ को बताया गंभीर
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा, व्यापार में विविधता और आत्मनिर्भरता जरूरी
नई दिल्ली, 28 अगस्त (वेब वार्ता)। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जाने-माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को गंभीर चिंता बताया है।
अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे भारत से अमेरिका निर्यातित वस्तुओं पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है। राजन ने इसे वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में व्यापार और निवेश के हथियार बन जाने की दिशा में एक गंभीर संकेत माना है।
राजन ने कहा कि भारत को किसी एक देश पर निर्भरता कम करनी होगी। उन्होंने पूर्वी देशों, यूरोप और अफ्रीका जैसे अन्य बाजारों की ओर देखने और व्यापार के विकल्प बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें आत्मनिर्भरता के साथ-साथ विकल्पों की व्यवस्था भी करनी चाहिए ताकि संकट के समय निर्भरता कम रहे। र
घुराम राजन ने रूस से तेल आयात नीति की समीक्षा करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि इससे किसे लाभ और किसे नुकसान हो रहा है। रिफाइनर इस मामले में भारी मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि निर्यातक टैरिफ के बोझ तले दब रहे हैं।
अगर लाभ कम है तो भारत को इस नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापार में आसानी, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ बेहतर एकीकरण और घरेलू कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए संरचनात्मक सुधार आवश्यक हैं। इस टैरिफ का खास असर झींगा किसानों और कपड़ा निर्माताओं जैसे छोटे निर्यातकों की आजीविका पर पड़ सकता है।
राजन ने कहा कि भारत को इस संकट को अवसर के रूप में देखना चाहिए। वैश्विक रिश्तों में विविधता और संतुलन बनाकर ही देश आर्थिक चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाएगा।