अमेरिका और चीन ने आयात शुल्क पर लगी रोक को 90 दिन के लिए बढ़ाया

अमेरिका और चीन ने आयात शुल्क पर लगी रोक को 90 दिन के लिए बढ़ाया

बीजिंग, 12 अगस्त (वेब वार्ता)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार की चीन के गुड्स पर लगने वाले टैरिफ की डेडलाइन 90 दिन के लिए बढ़ा दी है। ये खबर अमेरिका के वाइट हाउस से मीडिया संस्थान को मिली है।

चीन पर लगने वाला टैरिफ मंगलवार यानी आज से लागू होने वाला था। लेकिन कुछ घंटे पहले ही वाइट हाउस से ये जानकारी मिलती है कि चीन पर लगने वाले टैरिफ की डेडलाइन नवंबर यानी 90 दिन तक बढ़ा दी गई है।

चीन पर लगाया था 145% टैरिफ

अप्रैल के समय चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर अपनी चरम सीमा पर था। उस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 145 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। चीन की ओर से भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी वस्तुओं पर 125% शुल्क लगा दिया था।

बातचीत में क्या निष्कर्ष निकला?

मई में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में दोनों पक्षों के बीच टैरिफ को लेकर पहली बैठक हुई। दोनों पक्षों की ओर से टैरिफ को रोकने को लेकर जोर दिया गया। अमेरिका ने अपने टैरिफ घटाकर 30% कर दिया। वहीं चीन ने अपने शुल्क घटाकर 10% कर दिया।

क्या होता है टैरिफ?

टैरिफ एक तरह का टैक्स ही है, जो कोई भी देश अपने आयात पर वसूलता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट उस देश की सीमा में बनाए जाएं। वहीं देश के कारीगरों, किसानों और व्यापारियों को किसी तरह का नुकसान न हो।

क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?

अमेरिका के राष्ट्रपति का कहना है कि कई देश उनसे कई गुना तक टैरिफ वसूलते हैं। उन्होंने मीडिया में एक बयान में भारत की ज्यादा टैरिफ लेने पर आलोचना की थी। डोनाल्ड ट्रंप की मानें तो उन देशों पर ये रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है, जो उनसे लंबे समय से अधिक मात्रा में टैरिफ वसूल रहे हैं। रेसिप्रोकल टैरिफ इसलिए क्योंकि ये एक तरह से सामने वाले देश के टैरिफ के बदले टैरिफ है। ऐसे भी समझ सकते हैं कि टैक्स के बदले टैक्स।