तुवालु देश की पूरी जनता ऑस्ट्रेलिया जाने को तैयार, दोनों देशों के बीच हुई संधि

प्रशांत महासागर पर बसे इस देश की आबादी 11,000, बरसों से झेल रहे आपदाएं

तुवालु देश की पूरी जनता ऑस्ट्रेलिया जाने को तैयार, दोनों देशों के बीच हुई संधि

तुवालु, 11 अगस्त (वेब वार्ता)। प्रशांत महासागर का द्वीपीय देश तुवालु पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया में शिफ्ट होने वाला है। आधुनिक इतिहास की यह ऐसी पहली घटना है, जब एक देश की पूरी आबादी किसी दूसरे देश में रहने के लिए तैयार है।

तुवालु की जनता का अपना देश छोड़ने का कारण यहां समुद्र का बढ़ता जलस्तर है। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले 25 सालों में तुवालु के लोगों को यहां से जबरदस्ती निकलना होगा।

संकट के इस समय में तुवालु के लिए ऑस्ट्रेलिया ने हाथ बढ़ाया है। ऑस्ट्रेलिया और तुवालु के बीच में एक संधि हुई है, जिसके तहत यहां की जनता को ऑस्ट्रेलिया में बसाया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रशांत महासागर में 9 कोरल द्वीपों पर बसे इस देश की आबादी करीब 11,000 है। इस पूरे देश की समुद्र से औसत ऊंचाई केवल दो मीटर है। ऐसे में बाढ़, ऊंची लहरों और समुद्र का बढ़ता जलस्तर यहां की जनता के लिए आए दिन मौत कर कारण बन रहा है। तुवालु की जनता ने वैश्विक जगत से जलवायु परिवर्तन से लड़ने गुहार लगाई है, क्योंकि यह देश इस मोर्चे पर सबसे आगे है। 

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले 80 सालों में तुवालु की पूरी जमीन समंदर में समा जाएगी। फिलहाल इस देश के दो द्वीप पानी में समा चुके हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर से अस्तित्व पर संकट को देखते हुए तुवालु और ऑस्ट्रेलिया ने 2023 में फलेपिली संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

इसके तहत हर साल 280 तुलावु के लोग ऑस्ट्रेलिया में स्थाई निवास के लिए पहुंच रहे हैं। इन लोगों को ऑस्ट्रेलियाई सरकार स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, नौकरियों और आवास का पूरा अधिकार देगी।

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