सूरत : गणदेवी कोर्ट का आदेश – पत्नी के मूल दस्तावेज पति के कब्जे से लौटाए जाएं
संरक्षण अधिकारी के माध्यम से अलमारी का ताला तोड़कर भी दस्तावेज वापस कराने का निर्देश
सूरत। गणदेवी अपर मुख्य न्यायाधीश जे.एन. मेहता ने एक मामले में याचिकाकर्ता पत्नी के मूल दस्तावेज पति के कब्जे से लौटाने का आदेश दिया है। न्यायालय ने संरक्षण अधिकारी, नवसारी को निर्देश दिया कि सूचीबद्ध सभी दस्तावेज पति और ससुराल वालों के घर में मौजूद अलमारी से प्राप्त कर याचिकाकर्ता को सौंपे जाएं। यदि अलमारी की चाबी उपलब्ध न हो तो ताला तोड़कर भी दस्तावेज बरामद किए जाएं।
मामले में आवेदक (परिवर्तित नाम) दिव्याबेन मितेशभाई कुवावाला का विवाह 30 नवंबर 2017 को नवसारी निवासी मितेशभाई दिनेशभाई कुवावाला से हुआ था। इस विवाह से एक पुत्री का जन्म हुआ। पत्नी का आरोप है कि विवाह के आरंभ से ही पति और परिवारजन उसे प्रताड़ित करते रहे। अक्टूबर 2024 में गर्भावस्था के दौरान भी उसे परेशान किया गया और धनतेरस के दिन घर से निकाल दिया गया।
इसके बाद पत्नी ने गणदेवी न्यायालय में घरेलू हिंसा अधिनियम, 2017 के तहत मामला (क्रमांक 743/2024) दर्ज कराया। आरोप है कि पति व ससुराल पक्ष ने उसके सभी आभूषण, मूल दस्तावेज, बैंक पासबुक, आधार कार्ड, मार्कशीट और विवाह के समय दिया गया अन्य सामान अपने पास रख लिया तथा भरण-पोषण व आवास की कोई व्यवस्था नहीं की।
दस्तावेज वापस पाने के लिए याचिकाकर्ता ने 19 मार्च 2025 को एडवोकेट प्रीति जिग्नेश जोशी के माध्यम से अंतरिम आवेदन दाखिल किया। बहस सुनने के बाद अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए दस्तावेज याचिकाकर्ता को लौटाने का आदेश पारित किया।