सूरत : उमरपाड़ा के वडगाम में किसानों के लिए प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

जिला आत्मा परियोजना और गुजरात प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड की पहल, किसानों को दिए गए कम लागत वाली खेती के लाभों के सुझाव

सूरत : उमरपाड़ा के वडगाम में किसानों के लिए प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गठित गुजरात प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड के अंतर्गत जिला आत्मा परियोजना द्वारा उमरपाड़ा तालुका के वडगाम गांव में प्राकृतिक खेती पर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस प्रशिक्षण सत्र में कृषि सखी और सीआरपी (सामुदायिक संसाधन व्यक्ति) द्वारा स्थानीय किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली प्राकृतिक खेती प्रणाली के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई। किसानों को प्राकृतिक खेती के पाँच प्रमुख आयामों बीज उपचार, जीवामृत, घनजीवामृत, वर्मी वॉश और आच्छादन – के बारे में विस्तार से बताया गया।

प्रशिक्षकों ने किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के स्थान पर स्थानीय संसाधनों से तैयार प्राकृतिक विकल्पों को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि यह विधि न केवल मृदा की उर्वरता बनाए रखती है, बल्कि खेती की लागत को भी काफी हद तक कम करती है और पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।

कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों में प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें स्थायी, लाभदायक और स्वास्थ्यवर्धक कृषि पद्धति की ओर प्रेरित करना था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय किसान उपस्थित थे और उन्होंने प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी निभाई।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत राज्यभर में प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले किसानों की संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि खेती को अधिक टिकाऊ, किफायती और जैविक बनाया जा सके।

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