कंपनियों के तिमाही नतीजों, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर से तय होगी बाजार की दिशा

वैश्विक बाजार के रुझान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे

कंपनियों के तिमाही नतीजों, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर से तय होगी बाजार की दिशा

नई दिल्ली, 27 जुलाई (वेब वार्ता)। स्थानीय शेयर बाजार में इस सप्ताह भारी उतार-चढ़ाव की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार की दिशा कई अहम कारकों पर निर्भर करेगी, जिनमें प्रमुख कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर निर्णय और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियां शामिल हैं।

इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण पीएमआई, मासिक वाहन बिक्री के आंकड़े और वैश्विक बाजार के रुझान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। विशेष रूप से अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत सहित कई देशों पर लगाए गए जवाबी शुल्क पर एक अगस्त को लगी रोक समाप्त हो रही है, जो बाजार की नज़र इस पर भी रहेगी। इसके साथ ही थाइलैंड और कंबोडिया के बीच भू-राजनीतिक तनाव भी निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

बाजार के जानकारों ने बताया कि जुलाई महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह इंडसइंड बैंक, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, सन फार्मा और आईटीसी जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे सामने आएंगे, जो बाजार की मजबूती और कंपनियों के प्रदर्शन का संकेत देंगे।

एक बाजार के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक ने कहा कि इन नतीजों से यह स्पष्ट होगा कि बाजार को भविष्य में समर्थन मिलेगा या नहीं। उन्होंने बताया कि निवेशक विदेशी कोषों के प्रवाह और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर भी ध्यान देंगे। पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 294 अंक और निफ्टी में 131 अंक की गिरावट आई है।

एक कंपनी के शोध प्रमुख ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की अनिश्चितता, मिले-जुले तिमाही नतीजे और बढ़ती एफआईआई निकासी के कारण बाजार कमजोर रहेगा। इस प्रकार इस सप्ताह निवेशकों के लिए सतर्कता और सूझ-बूझ के साथ बाजार की गतिविधियों को समझना बेहद जरूरी है।