अभिषेक की एक्टिंग के कायल हुए ‘बिग बी’, कहा- तुम्हारी तारीफ करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता
मुंबई, 16 जुलाई (वेब वार्ता)। महानायक अमिताभ बच्चन ने ‘आई वांट टू टॉक’, ‘हाउसफुल 5’, और ‘कालीधर लापता’ में अभिषेक बच्चन के काम की जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि तीनों ही फिल्मों में उनका अभिनय लाजवाब है और कोई भी उन्हें अपने बेटे की तारीफ करने से नहीं रोक सकता।
अमिताभ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट शेयर किया और लिखा, “एक साल में तीन फिल्में बनाईं और तीनों में अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं- आई वांट टू टॉक’, ‘हाउसफुल 5’ और ‘कालीधर लापता’, इन तीनों में ऐसा प्रदर्शन किया जो एकदम अलग दिखा। कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि ये अभिषेक बच्चन हैं।”
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में आगे लिखा, “हर फिल्म में ऐसा लगा कि वही असली किरदार है। आज के समय में किसी अलग किरदार को निभाना, उसे सही से समझना और पूरी तरह से निभा देना, ये जो खासियत है, अभिषेक, तुमने ये दुनिया को दिखा दी है। मेरा दिल से आशीर्वाद और बहुत सारा प्यार तुम्हारे लिए। हां, तुम मेरे बेटे हो और तुम्हारी तारीफ करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता।”
बता दें कि हाल ही में अभिषेक की ‘कालीधर लापता’ फिल्म रिलीज हुई। इसमें उन्होंने कालीधर नाम के शख्स की भूमिका निभाई, जो अल्जाइमर से पीड़ित है और अक्सर अपना नाम तक भूल जाता है। चार भाई-बहनों में सबसे बड़े कालीधर ने अपने पिता की मौत के बाद सभी को पाल-पोसकर बड़ा किया है, मगर अब, जब वह गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गया है, तो उसके घरवाले संपति के लालच में उससे छुटकारा पाने के लिए उसे कुंभ के मेले में छोड़ आते हैं। किसी को उनपर शक न हो, इसलिए वे कुंभ के ही खोया-पाया विभाग में कालीधर की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करा देते हैं।
वहीं खो चुके कालीधर की मुलाकात एक बच्चे से होती। वह बच्चा और कालीधर अच्छे दोस्त बन जाते हैं। फिल्म खुद से प्यार करने और दोस्ती की अनोखी कहानी कहती है।
इस फिल्म का निर्देशन मधुमिता ने किया है।
वहीं ‘हाउसफुल 5’ में भी उन्होंने अपने किरदार से दर्शकों का जमकर मनोरंजन किया। फिल्म में वह जलभूषण उर्फ जॉली बनकर आते हैं। इस फिल्म में कॉमेडी और सस्पेंस दोनों का मजा मिलता है।
इनके अलावा, अभिषेक ने ‘आई वांट टू टॉक’ में अर्जुन सेन का किरदार निभाया है, जो अपनी पत्नी से अलग रहता है। एक दिन उसे पता चलता है कि वह कैंसर से पीड़ित है और उसकी जिंदगी के सिर्फ 100 दिन बचे हैं। यह फिल्म कैंसर सर्वाइवर को जीना सिखाती है।