रेलवे का किराया बढ़ने से राजस्व 1,500 करोड़ आने‎ की उम्मीद

नॉन-एसी डिब्बों में एक पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई

रेलवे का किराया बढ़ने से राजस्व 1,500 करोड़ आने‎ की उम्मीद

नई दिल्ली, 14 जुलाई (वेब वार्ता)। करीब पांच साल बाद भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई से यात्री किराए में मामूली बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी सीमित है ताकि यात्रियों पर भारी बोझ न पड़े, लेकिन रेलवे को इससे करीब 1,500 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी होने की उम्मी है।

नई दरों के अनुसार एसी कोच में अब प्रति किलोमीटर 2 पैसे अधिक देने होंगे। उदाहरण के लिए, दिल्ली से मुंबई के बीच सफर करने वाले यात्रियों को करीब 30 ज्यादा चुकाने होंगे। वंदे भारत ट्रेन के छोटे रूट्स पर टिकट 10 से 14 तक महंगे हुए हैं। वहीं, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के नॉन-एसी डिब्बों में एक पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है।

रेलवे अधिकारियों और पूर्व जीएम के अनुसार, यह वृद्धि आवश्यक थी क्योंकि रेलवे को यात्री सेवाओं में लंबे समय से घाटा उठाना पड़ हो रहा था, जिसे मालभाड़े से संतुलित किया जाता है। यह किराया संशोधन एक संतुलित सुधार माना जा रहा है।

वित्त वर्ष 2025–26 में रेलवे को यात्री सेवाओं से 92,800 करोड़ की कमाई की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11 फीसदी अधिक है। अकेले एसी थ्री-टियर कोच से 37,115 करोड़ मिलने की संभावना है।

विशेषज्ञों के का कहना है ‎कि राजस्व बढ़ाने के लिए केवल किराया बढ़ाना काफी नहीं है। रेलवे को फ्रेट सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी भी बढ़ानी होगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कारण माल परिवहन में सुधार हुआ है और 2030 तक रेलवे देश के 45 फीसदी माल ढोने का लक्ष्य रखता है।