सूरत : शेयर बाजार में निकासी रणनीति पर चैंबर का सत्र आयोजित, निवेशकों को मिला व्यावहारिक मार्गदर्शन
टर्टल वेल्थ के सीईओ रोहन मेहता ने समझाया निकासी का विज्ञान, डर और प्रलोभन से दूर रहकर निर्णय लेने पर दिया जोर
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने सरसाणा स्थित समहति में "शेयर बाजार में निकासी की कला और विज्ञान" पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया। इस अवसर पर टर्टल वेल्थ के सीईओ एवं फंड मैनेजर रोहन मेहता ने निवेशकों को शेयर बाजार में सही समय पर प्रवेश और निकासी की रणनीतियों के बारे में व्यावहारिक एवं तकनीकी जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि निवेशक आमतौर पर निवेश के समय केवल प्रवेश पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि सफल निवेश के लिए निकासी की रणनीति भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि चैंबर का उद्देश्य निवेशकों को इस विषय पर व्यापक समझ देना है।
मुख्य वक्ता रोहन मेहता ने स्पष्ट किया कि शेयर बाजार में निकासी केवल मुनाफा लेने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह सही समय, सही कारण और भावनात्मक संतुलन से किया गया निर्णय होता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश निवेशक अधिक लाभ की चाह में समय पर निकासी नहीं करते और बाद में गिरावट के डर से नुकसान उठाते हैं।
मेहता ने निवेशकों को एग्ज़िट मंत्रा टूल्स से परिचित कराया, जिसमें ज़ोन, स्कोर, रेटिंग और स्टॉप लॉस जैसे मानदंड शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हर निवेश के लिए लक्ष्य और स्टॉप लॉस पहले से तय होना चाहिए। मुनाफा होने के बावजूद यह मूल्यांकन करते रहना चाहिए कि बाजार से बाहर निकलना उचित होगा या नहीं।
उन्हेंने बताया कि पेशेवर निवेशक अपने पोर्टफोलियो की निरंतर निगरानी और पुनः आवंटन के माध्यम से जोखिम प्रबंधन करते हैं। उन्होंने पूंजी हानि, अवसर लागत और आत्म-संदेह जैसे पहलुओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम की रूपरेखा चैंबर के समूह अध्यक्ष कमलेश गजेरा ने प्रस्तुत की। वक्ताओं का परिचय पूंजी एवं कमोडिटी बाजार समिति के अध्यक्ष अयूब याकूब अली ने कराया, जबकि संचालन सह-अध्यक्ष दीपेश पारिख ने किया। कार्यक्रम के अंत में बालकृष्ण वघासिया ने उपस्थित निवेशकों और वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।
निवेशकों ने सेमिनार में भाग लेकर अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया और निकासी रणनीतियों पर कई सवाल पूछे, जिनके संतोषजनक उत्तर मिलने के बाद कार्यक्रम का समापन हुआ।