सूरत में निर्यात-आयात सत्र का आयोजन: भारत को वैश्विक व्यापार में अग्रणी बनाने पर जोर
2030 तक भारत का निर्यात 80 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य; सूरत के उद्यमियों को निर्यात में अवसरों की जानकारी
सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) द्वारा ‘लोकल से ग्लोबल’ विषय पर निर्यात-आयात सत्र का आयोजन रविवार, 15 जून 2025 को नानपुरा स्थित ‘समृद्धि’ सभागार में किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षक अमित मुलानी ने सूरत और दक्षिण गुजरात के उद्यमियों को वैश्विक व्यापार में भारत की संभावनाओं और निर्यात के बढ़ते अवसरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए चैंबर के अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि “निर्यात-आयात केवल व्यापार नहीं, बल्कि भारत के औद्योगिक विकास की रीढ़ है। हमारा लक्ष्य है कि स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाई जाए और इसके लिए चैंबर निरंतर मार्गदर्शन और मंच उपलब्ध करवाता रहेगा।”
मुख्य वक्ता अमित मुलानी ने बताया कि वर्ष 2023-24 में भारत का व्यापारिक निर्यात 36.21 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसे सरकार ने वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 80 लाख करोड़ रुपये करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि भारत वर्तमान में 3.89 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वर्ष 2030 तक भारत के तीसरी महाशक्ति बनने की संभावना है, जिसके लिए निर्यात को बढ़ावा देना अत्यावश्यक है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सफल निर्यात के लिए तीन बातों की समझ आवश्यक है।निर्यात देश की संस्कृति और मांग की गहरी समझ, कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी, और वैश्विक दृश्यता, यानी डिजिटल और भौतिक माध्यमों से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उपस्थिति।
भारत दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पाद, हीरे, रत्न एवं आभूषण, वस्त्र, कृषि उत्पाद, मसाले, दवाइयां आदि का निर्यात करता है, जबकि कच्चा पेट्रोलियम, कोयला, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, सोना और कच्चे हीरे जैसे उत्पादों का आयात करता है।
मुलानी ने बताया कि भारत का आयात वर्ष 2023-24 में 57 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि निर्यात 37 लाख करोड़ रुपये रहा। हालांकि सेवा क्षेत्र का निर्यात (22 लाख करोड़ रुपये) इस अंतर को संतुलित करता है, फिर भी सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए मेक इन इंडिया, ड्यूटी ड्रॉबैक, RODTEP, मुक्त व्यापार समझौते और GST छूट जैसी योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू कर रही है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में SGCCI शिक्षा एवं कौशल विकास केंद्र के अध्यक्ष महेश पमनानी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सत्र में बड़ी संख्या में सूरत के उद्यमी, निर्यातक और छात्र उपस्थित रहे।