सूरत : पांडेसरा GIDC में बाल श्रम विरोधी दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

बाल श्रम रोकना सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी, कानून के साथ जनसहयोग आवश्यक — अधिकारियों और संगठनों की अपील

सूरत : पांडेसरा GIDC में बाल श्रम विरोधी दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

सूरत। विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस (12 जून) के अवसर पर सूरत उप श्रम आयुक्त कार्यालय और दक्षिण गुजरात वस्त्र प्रसंस्करण संघ (एसजीटीपीए) की संयुक्त पहल पर पांडेसरा जीआईडीसी में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ जनजागरूकता को बढ़ावा देना और बच्चों के समग्र विकास के लिए सभी वर्गों को प्रेरित करना था।

इस अवसर पर उप श्रम आयुक्त एम.सी. करिया ने कहा कि बाल श्रम की समस्या स्वतंत्रता पूर्व काल से चली आ रही है, और आज इसके अधिकतर पीड़ित प्रवासी मजदूरों के बच्चे हैं, जो साड़ी तह, कढ़ाई, जरी, होटल और निर्माण जैसे खतरनाक क्षेत्रों में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा, "बाल श्रम को जड़ से समाप्त करने के लिए राज्य स्तर पर गहन और कठोर प्रयास जारी हैं, और दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए विभाग सतत सक्रिय है।" उन्होंने जागरूकता को रोकथाम का सबसे प्रभावी उपाय बताते हुए उद्योगपतियों, अधिकारियों और आम नागरिकों से सक्रिय सहयोग का आग्रह किया।

पुलिस एसीपी के.एम. जोसफ ने कहा कि बच्चों को कमरे में बंद करके उनसे काम करवाना न केवल शारीरिक और मानसिक शोषण है, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डालता है। उन्होंने बताया कि विटामिन डी की कमी और पर्यावरण से वंचित रहने के कारण बच्चों में अनेक बीमारियां पनपती हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि बाल श्रम की घटनाएं देखने पर तुरंत टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना दें।

पांडेसरा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलविजय तुलस्यान ने कहा कि बाल श्रम को रोकने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। यह केवल एक दिन का विषय नहीं, बल्कि साल भर सतत जागरूकता और कार्रवाई की मांग करता है।

एसजीटीपीए के अध्यक्ष जितेंद्र वखारिया ने कहा, "बाल श्रम कानून तो है, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निरंतर जनजागरूकता जरूरी है। बच्चों से फैक्ट्री या चाय की दुकान में काम करवाना उनके भविष्य को अंधकारमय बनाता है। अगर वे पढ़ाई करें तो न केवल उनका, बल्कि पूरे परिवार का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।"

इस मौके पर औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा उपनिदेशक के.ए. रावत, सहायक श्रम आयुक्त एच.एस. गामित, एस.एस. दुबे सहित शहर के अनेक गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने मिलकर बाल श्रम के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष जारी रखने की आवश्यकता दोहराई।

 
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