सूरत : श्री रामधारा — संस्कृति, संस्कार और संवाद की नई पहल

भविष्य की पीढ़ी को सनातन मूल्यों से जोड़ने का प्रेरणादायी आयोजन

सूरत : श्री रामधारा — संस्कृति, संस्कार और संवाद की नई पहल

सूरत। श्रीराम मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट, भटार द्वारा भारतीय संस्कृति और सनातन संस्कारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने हेतु एक प्रेरणादायी पहल “श्री रामधारा” की शुरुआत की गई। यह आयोजन श्री चंद्रप्रकाश तनेजा और श्री गोपाल किशन नंदवानी के संरक्षण में तथा डॉ. सुभाष नंदवानी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

डॉ. सुभाष नंदवानी ने इस संकल्पना को साकार रूप दिया, जिसका उद्देश्य है बच्चों और युवाओं को भक्ति, सेवा और संस्कृति के माध्यम से धर्म के प्रति जागरूक बनाना।

सुनिता नंदवाणी ने श्री रामधारा की प्रमुख विशेषताएं बताई। जैसे श्री हनुमान चालीसा पाठ, संस्कृतिक एवं मानसिक विकास हेतु खेल गतिविधियाँ, बच्चों के विचार प्रस्तुत करने हेतु मंच, जीवनमूल्य आधारित संवाद और चर्चा सत्र आयोजित किए जायेंगे।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर 150 से अधिक बच्चों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ सामूहिक रूप से श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया और राम नाम की माला जपी। इस आयोजन ने उपस्थित सभी जनों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

इस पहल को सफल बनाने में युवा सेवा साथियों की भूमिका सराहनीय रही। उनके सेवा भाव और समर्पण ने यह सिद्ध किया कि जब युवा शक्ति धर्म से जुड़ती है, तो सामाजिक जागृति और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त होता है।

“श्री रामधारा” निस्संदेह सूरत में धार्मिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनः जीवंत करने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।

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