सूरत : दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन से एडवोकेट प्रीति जोशी ने हासिल की लॉ में दूसरी मास्टर डिग्री
सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ वकालत करते हुए बढ़ाया परिवार और समाज का गौरव
सूरत। "अगर इच्छाशक्ति हो तो राह खुद-ब-खुद बन जाती है" — इस प्रेरणादायक कहावत को एडवोकेट श्रीमती प्रीति जिग्नेश जोशी ने अपने जीवन में साकार कर दिखाया है। सामाजिक, पारिवारिक और व्यावसायिक जिम्मेदारियों को संतुलित करते हुए उन्होंने हाल ही में प्रथम श्रेणी में मास्टर ऑफ लॉ (एलएल.एम.) की डिग्री प्राप्त कर न केवल अपने नागर परिवार, बल्कि पूरे समाज को गौरवान्वित किया है।
एडवोकेट प्रीति जोशी पिछले 32 वर्षों से कानूनी क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे सूरत समेत अन्य जिलों की अदालतों, गुजरात उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में वकालत कर रही हैं। साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी वे लगातार सक्रिय रूप से योगदान देती रही हैं।
जहां एक ओर पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच उच्च शिक्षा प्राप्त करना सामान्यतः चुनौतीपूर्ण माना जाता है, वहीं प्रीति जोशी ने उत्कृष्ट समय प्रबंधन का परिचय देते हुए इस चुनौती को अवसर में बदला।
उल्लेखनीय है कि उन्होंने अपना पहला एलएल.एम. वर्ष 2004-05 में कामरेज स्थित सिद्धार्थ लॉ कॉलेज से ‘बिजनेस लॉ’ विषय में किया था। उस समय पारिवारिक विपत्ति, विशेषकर पिता के निधन के कारण, उनका प्राप्तांक 53% रहा था। पीएचडी के लिए आवश्यक न्यूनतम 55% अंकों की पात्रता को देखते हुए उन्होंने एक बार फिर एलएल.एम. करने का निर्णय लिया।
वर्ष 2024-25 में उन्होंने आनंद स्थित सरदार पटेल विश्वविद्यालय से ‘क्रिमिनल लॉ’ में एलएल.एम. की दूसरी डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की है, जिससे अब उनके लिए पीएचडी का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।
एडवोकेट प्रीति जोशी की यह उपलब्धि उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है, जो अनेक जिम्मेदारियों के बावजूद शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल करने का संकल्प रखते हैं।