सूरत का गौरव: तिरुपति टेक्सटाइल मार्केट बना थोक व्यापार का प्रमुख केंद्र
शूट-सलवार, दुपट्टा, कुर्ती, फैब्रिक साड़ी, गारमेंट्स सहित सभी प्रकार के कपड़े थोक में उपलब्ध
सूरत। रिंग रोड स्थित रामवाड़ी सलाबतपुरा क्षेत्र में स्थित तिरुपति टेक्सटाइल मार्केट आज सूरत शहर के कपड़ा व्यापार का एक प्रमुख केंद्र बन चुकी है। वर्ष 1996 में मार्केट की शुरुआत हुई थी इस मार्केट में कुल 975 दुकानें है।
मार्केट का प्रबंधन एक संगठित समिति द्वारा किया जाता है। लोकतेज से जुड़े पुरुषोत्तम अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि समिति में अध्यक्ष सुधीरभाई इलाहाबादी, उपाध्यक्ष राकेश अग्रवाल, सचिव साजिद डांगरा और कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल सहित कुल 15 सदस्य कार्यरत हैं।
जय अंबे टेक्सटाइल मार्केट के संचालक एवं फोस्टा (FOSTTA) के निदेशक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने बताया कि वे पिछले 23 वर्षों से कपड़ा व्यापार से जुड़े हैं। उनका कारोबार मुख्यतः गारमेंट फैब्रिक पर केंद्रित है, जो दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अहमदाबाद जैसे महानगरों से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने बताया कि पहले की तुलना में अब व्यापार करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। रामवाड़ी क्षेत्र की सबसे बड़ी मार्केट में ट्रैफिक की समस्या थी, जिसे दूर करने में फोस्टा ने अहम भूमिका निभाई है।
यह मार्केट विशेष रूप से थोक व्यापार के लिए जानी जाती है। यहाँ शूट-सलवार, दुपट्टा, फैब्रिक साड़ी, गारमेंट्स सहित सभी प्रकार के कपड़े थोक में उपलब्ध हैं। व्यापार ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से संचालित होता है, लेकिन प्रतिष्ठित एजेंटों के माध्यम से ही लेन-देन किया जाता है।
गन नायक क्रिएशन के संचालक और मार्केट के कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि वे 1996 से साड़ी के व्यापार में सक्रिय हैं, लेकिन वर्तमान में ड्रेस मैटेरियल और दुपट्टे का थोक व्यापार कर रहे हैं। उनके प्रमुख ग्राहक आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित कई अन्य राज्यों से हैं।
ओम फैशन के संचालक यस पटेल ने बताया कि वे 17 वर्षों से शूट और साड़ी के व्यापार में सक्रिय हैं। उनका व्यवसाय मुख्यतः गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़ा है। वे पारंपरिक तरीके से ऑफलाइन और टेलीफोनिक ऑर्डर के माध्यम से व्यापार करते हैं।
पुरुषोत्तम अग्रवाल ने यह भी बताया कि व्यापारियों और ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मार्केट में कई व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे व्यापार सुरक्षित, संगठित और सुविधाजनक तरीके से संचालित हो सके।