नीतिगत दरों में आधी फीसदी की कटौती, घर, कार ऋण होगा सस्ता

नीतिगत दरों में आधी फीसदी की कटौती, घर, कार ऋण होगा सस्ता

मुंबई, 06 जून (वेब वार्ता)। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आगे महंगाई में नरमी आने को ध्यान में रखते हुये विकास को गति देने के उद्देश्य से नीतिगत दरों विशेषकर रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.50 प्रतिशत की कटौती करने का शुक्रवार को निर्णय लिया जिससे आवास ऋण, वाहन ऋण और अन्य तरह के लोन सस्ते होगें। आरबीआई ने फरवरी 2025 से लेकर अब तक रेपो दर में एक फीसदी की कटौती कर चुका है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एमपीसी की 55वीं और चालू वित्त वर्ष में एमपीसी की दूसरी तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुये कहा कि पिछले दो बार 0.25 प्रतिशत और 0.25 प्रतिशत की रेपो दर में कमी की गयी थी और अब इसमें 0.50 प्रतिशत की कटौती की जा रही है जो तत्काल प्रभाव से लागू हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि तंत्र में तरलता बढ़ाने के उद्देश्य से नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में चरणबद्ध तरीके से एक फीसदी की कमी की जा रही है जिससे तंत्र में 2.50 लाख करोड़ रुपये की तरलता बढ़ेगी। इस कटौती के बाद सीआरआर चार प्रतिशत से कम होकर तीन प्रतिशत रह जायेगी।

उन्होंने कहा कि एमपीसी ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट सुविधा के तहत पॉलिसी रेपो रेट को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.5प्रतिशत करने का फैसला किया है। यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके परिणामस्वरूप, स्थायी जमा सुविधा (एसटीएफ) दर 5.25प्रतिशत पर समायोजित होगी। सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 5.75प्रतिशत पर समायोजित होगी।

श्री मल्होत्रा ने कहा, “ फरवरी 2025 से लगातार नीतिगत रेपो दर में 100 आधार अंकों की कटौती करने के बाद, मौद्रिक नीति समिति ने भी महसूस किया कि वर्तमान परिस्थितियों में, मौद्रिक नीति के पास अब विकास को समर्थन देने के लिए बहुत सीमित गुंजाइश बची है, इसलिए, समिति ने भी रुख को उदार से बदलकर तटस्थ करने का फैसला किया। अब से, समिति आने वाले आंकड़ों और उभरते परिदृश्य का सावधानीपूर्वक आकलन करेगी ताकि सही विकास, मुद्रास्फीति संतुलन बनाने के लिए मौद्रिक नीति के भविष्य की दिशा तय की जा सके।

 

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