विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ भारत यूएन आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के लिए निर्वाचित
संयुक्त राष्ट्र, 05 जून (वेब वार्ता)। भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के लिए 2026 से शुरू होने वाले तीन साल के कार्यकाल के लिए चुना गया है। भारत को 187 में से 181 वोट मिले।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा कि भारत विकास के मुद्दों को बढ़ावा देने और ईसीओएसओसी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने समर्थन देने वाले देशों और भारत के यूएन मिशन के राजनयिकों को धन्यवाद दिया।
यह भारत का ईसीओएसओसी में कम से कम 18वां कार्यकाल होगा। भारत 2008 से 2020 तक चार कार्यकाल पूरे कर चुका है।
ईसीओएसओसी यूएन का मुख्य निकाय है, जिसमें 193 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व होता है। यह सतत विकास और आर्थिक मामलों पर काम करता है। इसमें 54 सदस्य हैं, जिनमें से एक-तिहाई हर तीन साल में बदलते हैं। इस साल 18 सीटों के लिए चुनाव हुआ।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र की चार सीटों के लिए भारत, चीन, लेबनान और तुर्कमेनिस्तान चुने गए। चीन को 180, लेबनान और तुर्कमेनिस्तान को 183-183 वोट मिले।
पूर्वी यूरोप ग्रुप में यूक्रेन ने रूस को पछाड़ दिया, जिसके कारण उसे पहले मतदान में क्षेत्र की तीन सीटों में से एक सीट जीतने के लिए पर्याप्त वोट नहीं मिल पाए। ऐसे में उसे दूसरे चरण में हिस्सा लेना पड़ा।
चूंकि क्षेत्र ने तीन सीटों के लिए कोई सूची नहीं बनाई थी, इसलिए तीन सीटों के लिए पांच उम्मीदवार थे। यूक्रेन 130, जबकि क्रोएशिया 140 वोटों के साथ पहले चरण में चुने गए, जिन्होंने दो-तिहाई वोट जीते।
रूस 108 वोटों के साथ अपने सहयोगी बेलारूस के खिलाफ दूसरे चरण में हिस्सा लेने के लिए मजबूर हुआ। उसे 96 वोट मिले, जबकि सबसे कम वोट पाने वाला उत्तरी मैसेडोनिया 59 वोटों के साथ बाहर हो गया।
23 देशों ने रनऑफ में मतदान से परहेज किया, जिससे दो-तिहाई बहुमत की सीमा कम हो गई और रूस ने बेलारूस के 46 के मुकाबले 115 वोटों से जीत हासिल की।
अमेरिका और जर्मनी ने इटली और लिकटेंस्टीन के अपने सीटों से इस्तीफा देने के कारण ईसीओएसओसी के लिए उप-चुनाव जीते।
भारत अपने पड़ोसियों पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ ईसीओएसओसी में शामिल होगा।