सूरत : मानसिंह पटेल को मिला “इफको सहकारी रत्न” पुरस्कार, सहकारी क्षेत्र में 40 वर्षों की निष्ठावान सेवा का सम्मान
देश की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको ने नई दिल्ली में किया सम्मानित, 11 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी प्रदान
सूरत। सहकारी, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में चार दशकों से अधिक की निष्ठावान सेवा देने वाले मानसिंह पटेल को देश की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको द्वारा "इफको सहकारी रत्न" पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
गुरूवार को यह पुरस्कार नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित समारोह में इफको के अध्यक्ष दिलीपभाई संघानी ने प्रदान किया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें सम्मान पत्र और 11 लाख रुपये की नकद राशि दी गई।
इस अवसर पर महुवा शुगर फैक्ट्री और सुमुल डेयरी के निदेशक भी उपस्थित रहे और मानसिंह पटेल के योगदान की सराहना की। उनके इस सम्मान से सूरत और तापी जिलों में खुशी की लहर है।
सहकारिता से संसद तक का सफर:
2 जून 1952 को सूरत जिले के महुवा तालुका के वंसकुई गांव में जन्मे मानसिंह पटेल का जन्म एक आदिवासी किसान परिवार में हुआ। उन्होंने बी.कॉम. तक की शिक्षा ग्रहण की और फिर सेवा क्षेत्र से जुड़ गए। एक गांव के सरपंच के रूप में उन्होंने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की और फिर वे सहकारी, राजनीतिक और शैक्षणिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे।
वे महुवा एपीएमसी, महुवा क्रय-विक्रय संघ, गुजरात शुगर फेडरेशन-गांधीनगर, सूरत जिला भाजपा अध्यक्ष, गुजरात विधानसभा के उपाध्यक्ष, विधायक और सांसद (निजार) जैसे पदों पर रह चुके हैं। वर्तमान में वे महुवा शुगर, व्यारा शुगर, सुमुल डेयरी और सुडिको बैंक सहित कई जिला स्तरीय संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही में सहकारिता मंत्री जगदीश पंचाल ने उन्हें कावेरी शुगर (चिखली) की जिम्मेदारी भी सौंपी है।
सूरत और तापी में बधाइयों का सिलसिला:
मानसिंह पटेल को मिले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार पर सूरत और तापी जिलों के सहकारी, राजनीतिक और सामाजिक संगठनों में हर्ष की लहर है। शुगर फैक्ट्रियों के सदस्य, दूध संघ के पदाधिकारी, और उनके शुभचिंतक उन्हें बधाई दे रहे हैं। साथ ही, उनके सम्मान समारोह की तैयारियां भी जोर-शोर से शुरू हो गई हैं।
यह सम्मान न सिर्फ मानसिंह पटेल की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि सहकारिता के प्रति समर्पण और निष्ठा की मिसाल भी है।