सूरत : सचिन इंडस्ट्रीज सोसायटी ने उठाई नई टेक्सटाइल नीति-2024 की विसंगतियों पर आवाज
2250 उद्योगपतियों की चिंता: सचिन GIDC को नीति का लाभ मिलेगा या नहीं, सरकार से मांगे स्पष्ट दिशानिर्देश
सूरत। सचिन इंडस्ट्रीज कॉ. ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड ने गुजरात सरकार की नई टेक्सटाइल नीति-2024 को लेकर उत्पन्न हुई विसंगतियों के समाधान हेतु राज्य के उद्योग एवं खान विभाग के संयुक्त सचिव को पत्र लिखा है। सोसायटी के सचिव मयूर जे. गोलवाला ने इस पत्र के माध्यम से सरकार से स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है।
सचिन इंडस्ट्रीज कॉ. ऑपरेटिव सोसायटी के सचिव मयूर जे. गोलवाला जानकारी दी कि 18 जनवरी 2025 को भेजे गए पत्र (संख्या 174/2024-25) में यह सवाल उठाया गया था कि टेक्सटाइल नीति के नियम 3.17 के अनुसार, सूरत महानगर पालिका (एसएमसी) के दायरे में आने वाले उद्योग नीति लाभ के लिए अयोग्य माने गए हैं। लेकिन सचिन जीआईडीसी, जो 1998 से अधिसूचित क्षेत्र घोषित है और एसएमसी सीमा के बाहर आता है, उसके 2250 प्लॉट धारकों की स्थिति को लेकर स्पष्टता नहीं है।
उन्होंने बताया कि सचिन GIDC के उद्योगपति न तो सूरत महानगरपालिका को कर चुकाते हैं, न ही वह नगरपालिका सीमा में आते हैं, बल्कि वे सचिन अधिसूचित क्षेत्र प्राधिकरण को कर भुगतान करते हैं। इसके बावजूद, नई टेक्सटाइल नीति में उनकी पात्रता स्पष्ट नहीं की गई है, जिससे उद्योगपतियों में भारी भ्रम और चिंता व्याप्त है।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि नीति लागू होने के बाद हजारों करोड़ रुपये का निवेश उद्योगपतियों द्वारा नई मशीनरी में किया गया है। यदि स्पष्ट दिशानिर्देश जल्द नहीं जारी किए गए, तो निवेशक लाभ से वंचित रह सकते हैं, जिससे उद्योग जगत में निराशा फैल सकती है।
गोलवाला ने यह भी बताया कि नई टेक्सटाइल नीति-2024 में केवल सचिन क्षेत्र ही नहीं, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों से भी विसंगतियों को लेकर सरकार के समक्ष प्रतिनिधित्व किया गया है, परंतु सात महीने बीतने के बावजूद कोई ठोस दिशा-निर्देश जारी नहीं हुआ है।
सचिन इंडस्ट्रीज सोसायटी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि उद्योगों के सामान्य हित में जल्द से जल्द नीति के तहत सब्सिडी लाभ की पात्रता को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं, जिससे सदस्यों को उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके और उद्योगों का विकास बाधित न हो।