सचिन में गुजरात ग्रामीण बैंक डकैती का पर्दाफाश, आरोपी ने फ्रैंचाइज़ी के लिए रची थी साजिश

सिर्फ दो महिला कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड की गैरमौजूदगी का उठाया फायदा, क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पिस्तौल और लूटी रकम के साथ किया गिरफ्तार

सचिन में गुजरात ग्रामीण बैंक डकैती का पर्दाफाश, आरोपी ने फ्रैंचाइज़ी के लिए रची थी साजिश

सूरत। सचिन इलाके में दिनदहाड़े गुजरात ग्रामीण बैंक में हुई डकैती की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है। पुलिस ने महज दो दिनों में कार्रवाई करते हुए इस सनसनीखेज वारदात के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी नाजिस उर्फ बबलू मोहम्मद सनुल्लाह शेख (उम्र 22) को पिस्तौल, सात कारतूस और लूटी गई रकम ₹3.76 लाख के साथ दबोच लिया गया।

पुलिस जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई कि आरोपी अमेज़न प्राइम की डिलीवरी फ्रेंचाइज़ी लेने का सपना देख रहा था, जिसके लिए उसे 10 से 12 लाख रुपये की जरूरत थी। हर महीने 80-90 लाख रुपये कमाने की लालसा में उसने अपने ही घर के पास स्थित बैंक को निशाना बनाया।

नाजिस बिहार के चंपारण जिले के फुलवरिया गांव का मूल निवासी है और फिलहाल सचिन इलाके में रहता है। वह पहले से बैंक की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ था। उसे पता था कि बैंक में सिर्फ दो महिला कर्मचारी और एक अस्थायी कर्मचारी काम करता है, और वहां कोई सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं है। इसी कमजोरी का फायदा उठाकर उसने 20 मई को हथियार के दम पर डकैती की।

बताया गया कि आरोपी ने बैंक पहुंचकर कर्मचारियों को बंधक बनाया और कुल ₹3.76 लाख रुपये लूट लिए। लूट के बाद वह मौके से फरार हो गया। दिलचस्प बात यह है कि आरोपी ने डकैती से एक दिन पहले यानी 19 मई को भी बैंक लूटने की कोशिश की थी, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा सका और लौट गया था।

घटना के बाद पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें आरोपी की पहचान हो गई। सूरत क्राइम ब्रांच ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को कतारगाम क्षेत्र के ब्रिटिश कब्रिस्तान के पास से गिरफ्तार कर लिया।

डीसीपी भावेश रोजिया ने बताया कि आरोपी एक माह पहले ही बिहार से दीपक नामक व्यक्ति से पिस्तौल और सात कारतूस लेकर सूरत आया था। उसने अपनी योजना के अनुसार बैंक को निशाना बनाया और डकैती को अंजाम दिया।

फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच जारी है। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि हथियार कहां से और कैसे हासिल किए गए और इस वारदात में कोई अन्य व्यक्ति शामिल था या नहीं।

इस घटना ने एक बार फिर बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिर्फ दो महिला कर्मचारी और कोई सुरक्षा गार्ड न होने के कारण बैंक आसानी से लुटेरों का शिकार बन गया। पुलिस ने बैंकों को सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करने की सलाह दी है।

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