सूरत : कोसंबा रेलवे स्टेशन का 7 करोड़ से अधिक की लागत से नवीनीकरण, विरासत और आधुनिकता का संगम
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हुआ कायाकल्प; PM मोदी जल्द कर सकते हैं उद्घाटन
सूरत। भारतीय रेलवे को देश की जीवन रेखा कहा जाता है। रेल परिवहन में रेलवे स्टेशन किसी शहर की पहचान होते हैं। अधिकांश रेलवे स्टेशन 'शहर का हृदय' बन गए हैं, जहां शहर की सभी आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां केंद्रित होती हैं। इसलिए रेलवे स्टेशन संबंधित शहरों की पहचान बन गए हैं।
प्रधानमंत्री से प्रेरित होकर भारतीय रेलवे ने देश के 1,300 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प शुरू कर दिया है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश भर में 103 पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया जा रहा है जिसमें कोसंबा स्टेशन का भी समावेश है।
1860 में निर्मित कोसंबा रेलवे स्टेशन सूरत-वडोदरा राजधानी मार्ग पर एक महत्वपूर्ण जंक्शन के रूप में उभरा है। इतिहास से सराबोर यह स्टेशन अब ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा चुका है। कोसंबा स्टेशन का 7 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से नवीनीकरण किया गया है।
कभी भीड़भाड़ से भरा रहने वाला स्टेशन भवन अब नए रूप में सामने आया है। भव्य प्रवेश द्वार के निर्माण से स्टेशन की सुंदरता बढ़ गई है। एक बड़ा प्रतीक्षा क्षेत्र और बुकिंग क्षेत्र विकसित किया गया है, जिससे विशेष रूप से व्यस्त समय के दौरान अधिक व्यवस्थित और आरामदायक वातावरण सुनिश्चित हो सके।
कोसंबा स्टेशन पर एक भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया है। स्टेशन पर एक सामान्य प्रतीक्षालय और एक महिला प्रतीक्षालय, सुंदर टाइलें, विकलांगों के लिए कम ऊंचाई वाले पानी के नल, विशाल पार्किंग और वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए चौड़े रास्ते हैं।
दिव्यांगों के लिए सुलभ शौचालय, नए साइनेज, सही समय पर कोच ढूंढने के लिए डिस्प्ले बोर्ड, सीसीटीवी कैमरे, हाई मास्ट लाइटिंग, आधुनिक प्रतीक्षालय, टिकट काउंटर, आधुनिक शौचालय और दिव्यांगों के लिए आसान रैम्प जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं।
प्लेटफॉर्म पर शेल्टर, कोच इंडिकेशन सिस्टम और सूचना के लिए डिजिटल डिस्प्ले लगाए गए हैं। दिव्यांगों के लिए सभी सुविधाएं सुलभ करा दी गई हैं। प्रत्येक स्टेशन पर गुजरात की लोककथा, संस्कृति और परंपराओं की झलक भी देखने को मिल रही है।