सूरत : ऐतिहासिक उत्राण रेलवे स्टेशन नए स्वरूप में तैयार, 27 मई को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे ऑनलाइन लोकार्पण
8 करोड़ की लागत से हुआ नवीनीकरण, अब स्टेशन पर आधुनिक सुविधाओं के साथ यात्रियों को मिलेगा बेहतर अनुभव
सूरत : पश्चिम रेलवे के अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत सूरत जिले के ऐतिहासिक उत्राण रेलवे स्टेशन का 8 करोड़ रुपये की लागत से व्यापक रूप से नवीनीकरण किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 मई को दाहोद में लोकोमोटिव यूनिट से निर्मित रेलवे इंजिन देश को समर्पित करने के कार्यक्रम के दौरान इस स्टेशन सहित गुजरात के कई स्टेशनों का ऑनलाइन लोकार्पण करेंगे।
उत्राण स्टेशन, जो सूरत रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, अब नए रूप में यात्रियों का स्वागत करेगा। तापी नदी के तट पर स्थित यह स्टेशन 1890 में स्थापित हुआ था और बीबीएंडसीआई रेलवे की पहली लाइन उत्तराण से अंकलेश्वर तक इसी मार्ग पर चलाई गई थी। इस धरोहर स्टेशन की पुरानी छवि को संजोते हुए इसे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है।
नवीनीकरण के बाद स्टेशन पर यात्रियों के लिए कई सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जिनमें नया प्रतीक्षालय (वेटिंग रूम), शौचालय ब्लॉक (जो अब दिव्यांग-अनुकूल है), जीआई शीट से ढके प्लेटफॉर्म, स्पर्शनीय टाइल्स, कम ऊंचाई वाले पानी के नल और नया बुकिंग कार्यालय शामिल हैं। इसके अलावा स्टेशन में एक नया पैदल यात्री सबवे भी बनाया गया है, जो पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को प्लेटफॉर्म्स से जोड़ता है। इससे स्टेशन तक पहुंचना और भी सुगम हो गया है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और संचित पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। स्टेशन का परिसर अब साफ-सुथरा, व्यवस्थित और सुंदर रूप में यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है।
सूरत के अन्य प्रमुख स्टेशनों जैसे उधना, भेस्तान और सूरत स्टेशन के बाद अब उत्राण स्टेशन को भी आधुनिक स्वरूप में विकसित किया गया है। यह परिवर्तन न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा देगा, बल्कि स्टेशन के ऐतिहासिक महत्व को भी नई पहचान प्रदान करेगा।
रेलवे द्वारा इस प्रकार के नवीनीकरण प्रयास भविष्य में यात्रियों के अनुभव को और भी बेहतर बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम माने जा रहे हैं।