सूरत : पुलिस की अनूठी पहल, गरीब-मजदूर वर्ग के लिए लगाया 'ऋण मेला'
सूदखोरों के चंगुल से मुक्ति दिलाने का प्रयास, 22 लाभार्थियों को मौके पर मिला 1 लाख तक का ऋण
सूरत। सूरत शहर पुलिस ने सूदखोरों के जाल में फंसे गरीब और मजदूर वर्ग के नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए एक अभिनव कदम उठाया है। पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गेहलोत के मार्गदर्शन में शहर में एक विशेष "ऋण मेला" आयोजित किया गया, जिसमें जरूरतमंदों को बैंकों से आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराया गया।
इस लोन मेले में पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गेहलोत के साथ प्रमुख उद्योगपति जितुभाई वखारिया, कमल विजय तुलस्यान और सुटेक्स बैंक के उच्चाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
डीसीपी जोन-2 के नेतृत्व में आयोजित इस मेले में तत्काल सहायता प्रदान करते हुए 22 लाभार्थियों को 1 लाख रुपये तक का ऋण स्वीकृत किया गया और उन्हें मौके पर ही चेक सौंपे गए। इसके अतिरिक्त, लगभग 100 अन्य आवेदकों की ऋण संबंधी प्रक्रिया भी जारी है।
राज्य के गृह मंत्री के आदेश के बाद गुजरात पुलिस द्वारा सूदखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई थी, जिसके चलते कई सूदखोर भूमिगत हो गए थे। हालांकि, आम लोगों को इस तरह के शोषण से बचाने के लिए पुलिस अब बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर ऋण मेलों का आयोजन कर रही है। इसी कड़ी में सूरत शहर पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गेहलोत के मार्गदर्शन में डीसीपी जोन 2 के अधिकारियों ने उधना के नगर निगम भाठेना सामुदायिक भवन में इस ऋण मेले का आयोजन किया।
इस महत्वपूर्ण ऋण मेले में शहर पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गेहलोत, डीसीपी भागीरथ सिंह गढ़वी, एसीपी चिराग पटेल सहित छह थानों के प्रभारी निरीक्षक (पीआई) और अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे। मेले का मुख्य आकर्षण सुटेक्स को-ऑपरेटिव बैंक रहा, जिसने मौके पर ही 22 नागरिकों को 10,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये तक के ऋण स्वीकृत किए। पुलिस आयुक्त ने स्वयं सभी लाभार्थियों को ऋण के चेक वितरित किए।
लोन मेले में महिलाओं, सब्जी विक्रेताओं, छोटे व्यापारियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कई नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गेहलोत ने सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट संदेश दिया कि शहर का कोई भी नागरिक जिसे ऋण की आवश्यकता है, वह सीधे पुलिस से संपर्क कर सकता है।
पुलिस ऐसे जरूरतमंद लोगों को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों तक पहुंचाकर उन्हें नियमित और व्यवस्थित तरीके से ऋण उपलब्ध कराने में हर संभव मदद करेगी। पुलिस की इस पहल से गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को सूदखोरों के चंगुल से निकलने और आर्थिक रूप से सशक्त होने में मदद मिलेगी।