दिल्ली: ‘फर्जी’ सीबीआई अधिकारियों ने पूर्व महिला पत्रकार से 2.36 करोड़ रुपये ठगे

दिल्ली: ‘फर्जी’ सीबीआई अधिकारियों ने पूर्व महिला पत्रकार से 2.36 करोड़ रुपये ठगे

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) दिल्ली के हौज खास इलाके में 79 वर्षीय पूर्व महिला पत्रकार से जालसाजों ने सीबीआई अधिकारी बनकर 2.36 करोड़ रुपये ठग लिये। पुलिस ने यह जानकारी दी।

दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, खुद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अधिकारी बताकर जालसाजों ने पीड़िता को धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दी।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की इकाई ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ)’ ने पांच अप्रैल को इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की। इससे पहले पूर्व स्वतंत्र पत्रकार (भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक दिवंगत अधिकारी की पत्नी) ने शिकायत दर्ज कराई थी।

महिला ने सीबीआई के नाम से फर्जी वारंट प्राप्त करने के बाद 2.36 करोड़ रुपये जालसाजों के द्वारा बताए गए बैंक खातों में अंतरित किये। प्राथमिकी में कहा गया है कि पिछले 25 वर्षों से अपनी दिव्यांग बेटी के साथ हौज खास में रह रही महिला को फरवरी के अंत में खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले व्यक्तियों की ओर से कई फोन कॉल किए गए।

राजीव रंजन, राहुल गुप्ता, राजीव सिन्हा और विजय नाम से कॉल करने वाले लोगों ने कथित तौर पर उससे कहा कि वह धन शोधन मामले में जांच के दायरे में है।

प्राथमिकी में महिला के हवाले से कहा गया, ‘‘मैं हैरान और डरी हुई थी। मैंने अपने पूरे जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है। वारंट और उसके बाद मुझे गिरफ्तार करने की धमकियों को पढ़कर मैं डर गई थी।’’

प्राथमिकी के मुताबिक, आरोपियों ने पीड़िता को उसकी पूरी बचत बैंक खातों में अंतरित करने के लिए धमकाया और दावा किया कि पैसे ‘सरकार के नियंत्रण’ में रहेंगे। आरोपियों ने यह भी कहा कि मामला सुलझने के बाद पैसे वापस मिल जाएंगे।

पीड़िता ने कहा कि वह गिरफ्तारी से बचना चाहती थी और अपनी बेटी की भलाई को लेकर चिंतित थी। दबाव में आकर उसने अपनी सावधि जमा राशि को भुनाया और आरटीजीएस के माध्यम से उन तीन अलग-अलग बैंक खातों में 2.36 करोड़ रुपये अंतरित कर दिए, जिनका विवरण जालसाजों ने 28 फरवरी से चार मार्च के बीच उसे उपलब्ध कराया था।

प्राथमिकी के अनुसार, उसने एक मार्च को 1.41 करोड़ रुपये, तीन मार्च को 81.35 लाख रुपये और चार मार्च को 13 लाख रुपये अंतरित किये।

पीड़िता ने प्राथमिकी में कहा, ‘‘मैंने इस धोखाधड़ी में अपने पति की सारी बचत गंवा दी है। मेरे पास अब कोई पैसा नहीं बचा है। विधवा होने के कारण मैं गंभीर संकट में हूं और मेरे पास कोई सहारा नहीं है।’’

पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी), 319(2) (छद्म पहचान के आधार पर धोखाधड़ी), 204 (जालसाजी करके खुद को लोक सेवक के रूप में पेश करना) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।

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