सूरत : सिविल अस्पताल में 'अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस' का उत्सव, नर्सों ने रक्तदान कर पेश की सेवा की मिसाल
विधायक संगीताबेन पाटिल की उपस्थिति में आयोजित समारोह, 30 यूनिट रक्तदान और जल संरक्षण का संदेश रहा केंद्र में
सूरत। ‘अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस’ के अवसर पर 12 मई को सूरत के नए सिविल अस्पताल में नर्सिंग एसोसिएशन द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्ष 2025 की थीम ‘हमारी नर्सें, हमारा भविष्य – नर्सों की देखभाल से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है’ के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में नर्सिंग स्टाफ ने विधायक संगीताबेन पाटिल की उपस्थिति में मानव सेवा की मिसाल पेश करते हुए रक्तदान किया।
इस अवसर पर नर्सों ने कुल 30 यूनिट रक्त एकत्र कर सिविल ब्लड बैंक को समर्पित किया। विधायक संगीताबेन पाटिल ने रक्तदाताओं को प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में नर्सिंग एसोसिएशन के पांच सदस्यों ने दुर्लभ नेगेटिव ब्लड ग्रुप का रक्तदान कर विशेष योगदान दिया।
कार्यक्रम की विशिष्ट बात यह रही कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अस्पताल के स्टाफ ने उत्सव को केवल रक्तदान तक सीमित रखते हुए ‘कैच द रेन’ और जल संरक्षण जैसे जागरूकता अभियानों को भी जोड़ लिया। नर्सिंग स्टाफ ने जल संरक्षण के संदेश वाले पोस्टर कार्ड के साथ कार्यक्रम को संवेदनशीलता से जोड़ा।
विधायक संगीताबेन पाटिल ने नर्सों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “नर्सिंग स्टाफ 24 घंटे मरीजों की सेवा में तत्पर रहते हैं। अस्पताल में डॉक्टरों के साथ मिलकर वे रोगियों के चेहरों पर मुस्कान लाने का काम करते हैं। इनका योगदान स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ है।”
उन्होंने आगे कहा कि जल जीवन का आधार है और 'कैच द रेन' जैसे अभियानों से जुड़कर नर्सिंग समुदाय ने जनजागरूकता फैलाने में अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। विधायक ने बताया कि सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में 700 से अधिक नर्सिंग स्टाफ कार्यरत हैं, जो अत्यंत समर्पण और सहानुभूति के साथ सेवाएं दे रहे हैं।
कार्यक्रम में सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धारित्रि परमार, आर.एम.ओ. डॉ. केतन नायक, गुजरात नर्सिंग काउंसिल के इकबाल कड़ीवाला, टीबी एवं चेस्ट विभाग की प्रमुख डॉ. पारुल वडगामा, नर्सिंग अधीक्षक जिगीशाबेन श्रीमाली, नीरजा पटेल सहित अनेक अधिकारी व नर्सिंग स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस नर्सिंग की जननी मानी जाने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन पर मनाया जाता है। 12 मई 1820 को जन्मीं नाइटिंगेल ने सेवा को नर्सिंग से जोड़कर इस क्षेत्र को एक नई पहचान दी थी। ‘लेडी विद द लैंप’ के नाम से प्रसिद्ध नाइटिंगेल की स्मृति में आज भी उत्कृष्ट नर्सों को ‘नाइटिंगेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाता है।