जानिए भारत-यूके एफटीए से किन सेक्टर्स की हो सकती है बल्ले-बल्ले!

जानिए भारत-यूके एफटीए से किन सेक्टर्स की हो सकती है बल्ले-बल्ले!

नई दिल्ली, 6 मई 2025: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हाल ही में संपन्न मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) स्टॉक मार्केट में निवेशकों के लिए नई संभावनाएं लेकर आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक समझौते की घोषणा करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा देगा। इस समझौते में एक अनूठी "डबल कॉन्ट्रिब्यूशन कन्वेंशन" भी शामिल है, जो दोनों देशों में पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा योगदान की सुविधा देगी। निवेशकों की नजर अब उन सेक्टर्स और कंपनियों पर है, जो इस समझौते से सबसे ज्यादा लाभान्वित हो सकते हैं।

समझौते का स्टॉक मार्केट पर प्रभाव

इस समझौते के तहत, 99.3% पशु उत्पादों, 98.9% सब्जी/तेल उत्पादों और 97.9% प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर शून्य शुल्क लागू होगा। इसके अलावा, 97.6% कपड़ा/वस्त्र, 100% रत्न और आभूषण, और 98.6% रसायनों पर भी शुल्क हटा दिया गया है। यह भारत के लिए यूके के $34 बिलियन के कृषि आयात बाजार, $20 बिलियन के कपड़ा बाजार और $5 बिलियन के ज्वेलरी आयात बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का मौका देता है।

इन सेक्टर्स और कंपनियों पर रखें नजर

1. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र

विश्लेषकों का मानना है कि कृषि क्षेत्र इस समझौते से सबसे अधिक लाभान्वित होगा, और इससे संबंधित कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल सकता है। यूके में बासमती चावल, मसाले और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की मांग को देखते हुए, इन कंपनियों पर ध्यान देना चाहिए:

एलटी फूड्स लिमिटेड (NSE: LTFOODS): अपने "दावत" ब्रांड के साथ, एलटी फूड्स यूके में बासमती चावल बाजार में अग्रणी है। यूके में कंपनी की निर्यात हिस्सेदारी पहले से ही 30% है, और शून्य शुल्क के साथ यह और बढ़ सकती है। कंपनी का मार्केट कैप लगभग ₹10,000 करोड़ है, और इसका स्टॉक हाल के रुझानों में मजबूत रहा है।

गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (NSE: GODREJAGRO): पोल्ट्री और डेयरी निर्यात में मजबूत मौजूदगी के साथ, यह कंपनी शून्य शुल्क का फायदा उठा सकती है। इसका मार्केट कैप ₹15,000 करोड़ है, और स्टॉक में निर्यात वृद्धि के कारण स्थिरता देखी गई है।

बीएएसएफ इंडिया लिमिटेड (NSE: BASF): यह कंपनी किसानों को निर्यात-उन्मुख फसलों के लिए समाधान प्रदान करती है। इसका मार्केट कैप ₹36,000 करोड़ है, और स्टॉक में सतत खेती के रुझानों से लाभ हुआ है।

2. कपड़ा और परिधान क्षेत्र

कपड़ा क्षेत्र को 97.6% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा, जिससे यूके के $20 बिलियन के आयात बाजार में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।

ट्राइडेंट लिमिटेड (NSE: TRIDENT): होम टेक्सटाइल्स में विशेषज्ञता रखने वाली यह कंपनी यूके के बड़े रिटेलरों को आपूर्ति करती है। इसका मार्केट कैप ₹20,000 करोड़ है, और निर्यात वृद्धि के कारण इसका स्टॉक आकर्षक रहा है।

केपीआर मिल लिमिटेड (NSE: KPRMILL): निटवेयर और कॉटन परिधानों में अग्रणी, यह कंपनी यूके के प्राइमार्क जैसे रिटेलरों को निर्यात करती है। इसका मार्केट कैप ₹30,000 करोड़ है, और स्टॉक में निरंतर वृद्धि देखी गई है।

3. रत्न और आभूषण क्षेत्र

100% रत्न और आभूषण टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क के साथ, यह क्षेत्र भी निवेशकों के लिए आकर्षक है।

टाइटन कंपनी लिमिटेड (NSE: TITAN): टैनिश्क और कैरटलेन जैसे ब्रांड्स के साथ, टाइटन यूके में ज्वेलरी निर्यात बढ़ा सकती है। इसका मार्केट कैप ₹3,00,000 करोड़ से अधिक है, और स्टॉक एक मजबूत प्रदर्शनकर्ता रहा है।

राजेश एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NSE: RAJESHEXPO): गोल्ड ज्वेलरी में विश्व की अग्रणी कंपनियों में से एक, यह कंपनी यूके में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। इसका मार्केट कैप ₹25,000 करोड़ है।

निवेशकों के लिए सलाह

यह समझौता न केवल निर्यात को बढ़ावा देगा, बल्कि इन कंपनियों के राजस्व और मार्जिन में भी सुधार लाएगा, जिससे उनके शेयरों में तेजी की संभावना है। हालांकि, निवेशकों को प्रतिस्पर्धा (जैसे कपड़ा क्षेत्र में चीन और बांग्लादेश) और यूके के सख्त गुणवत्ता मानकों जैसे जोखिमों पर भी नजर रखनी चाहिए। लंबी अवधि के निवेशक इन सेक्टर्स में स्थिर वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं, खासकर उन कंपनियों में जो पहले से ही यूके में मजबूत स्थिति रखती हैं।

भविष्य की राह

प्रधानमंत्री मोदी ने यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को जल्द ही भारत में स्वागत करने की इच्छा जताई है, जो इस साझेदारी को और मजबूत करने का संकेत है। निवेशकों के लिए यह समझौता एक नई शुरुआत है, जो भारत के वैश्विक व्यापार में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। स्टॉक मार्केट में रुचि रखने वालों के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है, बशर्ते वे सही सेक्टर और कंपनियों पर दांव लगाएं।

(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)