सीमा पर तनाव बढ़ने से निवेशकों ने अपनाया सतर्क रुख, सेंसेक्स 156 अंक गिरा
मुंबई, छह मई (भाषा) बैंकिंग एवं पेट्रोलियम शेयरों में मुनाफावसूली आने और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने के कारण मंगलवार को स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट रही। सेंसेक्स 156 अंक फिसल गया, जबकि निफ्टी में 82 अंक की गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स दो दिन की बढ़त को रोकते हुए 155.77 अंक यानी 0.19 प्रतिशत गिरकर 80,641.07 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 315.81 अंक गिरकर 80,481.03 अंक पर आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी 81.55 अंक यानी 0.33 प्रतिशत गिरकर 24,379.60 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों ने कहा कि नीतिगत दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय से पहले और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता पर चिंताओं से कारोबारी गतिविधियां सीमित दायरे में रहीं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है।
परमाणु संयंत्रों, सैन्य ठिकानों, रिफाइनरियों और पन बिजली बांध जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों वाले करीब 300 ‘नागरिक सुरक्षा जिलों’ में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन, ‘शत्रुतापूर्ण हमले’ के लिए नागरिक प्रशिक्षण और बंकरों और खाइयों की सफाई पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
सेंसेक्स की कंपनियों में इटर्नल (पूर्व में जोमैटो), टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक और सन फार्मा में सबसे ज्यादा गिरावट आई।
दूसरी तरफ, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले और मारुति के शेयरों में तेजी का रुख रहा।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव के बीच सतर्क भावना से प्रेरित मजबूत वापसी के बाद हाल के सत्रों में घरेलू बाजार प्रभावित हो रहा है। चालू तिमाही के लिए कमजोर नतीजों ने भी बाजार को और प्रभावित किया है।”
उन्होंने कहा, “इस बीच, निवेशक अमेरिका के साथ भारत की द्विपक्षीय व्यापार वार्ता पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व को लेकर अटकलें भी ध्यान आकर्षित कर रही हैं, क्योंकि निकट भविष्य में दरों में कटौती की कोई उम्मीद नहीं है, जिससे वैश्विक रुझान प्रभावित हो रहे हैं।”
मंगलवार को जारी मासिक सर्वेक्षण के अनुसार, अप्रैल में भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में थोड़ी तेजी आई, जिसका मुख्य कारण नए ऑर्डर का प्रवाह बढ़ना था, तथा रोजगार में भी तेजी से विस्तार हुआ।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख (धन प्रबंधन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आगामी ब्याज दर निर्णय को लेकर अनिश्चितता के कारण बाजार में अस्थिरता और बढ़ गई है।”
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 2.33 प्रतिशत तथा मिडकैप सूचकांक में 2.16 प्रतिशत की गिरावट आई।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुए। दक्षिण कोरियाई और जापानी बाजार छुट्टियों के कारण बंद रहे।
यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार सोमवार को नकारात्मक दायरे में बंद हुए थे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 497.79 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.76 प्रतिशत उछलकर 61.85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 294.85 अंक चढ़कर 80,796.84 अंक पर और एनएसई निफ्टी 114.45 अंक बढ़कर 24,461.15 अंक पर बंद हुआ था।