भारत को अमेरिकी टेक्सटाइल बाजार में बढ़त की उम्मीद: ट्रंप प्रशासन के टैरिफ से नया अवसर
नई दिल्ली, 9 अप्रैल 2025 - अमेरिका के ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में लागू किए गए पारस्परिक टैरिफ ने वैश्विक टेक्सटाइल व्यापार में एक नया मोड़ ला दिया है, और भारत के लिए यह एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत, जो वर्तमान में अमेरिकी टेक्सटाइल बाजार में 8% हिस्सेदारी (9.7 अरब डॉलर) रखता है, को इस नीति से बड़ा फायदा हो सकता है।
टैरिफ का प्रभाव और भारत की स्थिति
अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल आयात पर 27% टैरिफ लगाया है, जबकि प्रतिस्पर्धी देशों पर यह दर कहीं अधिक है। चीन पर 34% और फिर बुधवार को उसे बढ़ाकर 104%, वियतनाम पर 46%, बांग्लादेश पर 37%, और कंबोडिया पर 49% टैरिफ लागू किया गया है। इस नीति से अमेरिकी बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धी स्थिति मजबूत हो सकती है, क्योंकि चीन (30% हिस्सेदारी, 36 अरब डॉलर) और वियतनाम (13% हिस्सेदारी, 15.5 अरब डॉलर) जैसे बड़े खिलाड़ी अधिक टैरिफ का सामना कर रहे हैं।
X यूजर नंदन गणत्रा (@1Health2Wealth) ने अपनी पोस्ट में लिखा, "अगर इस व्यापार क्षेत्र में छोटा सा बदलाव भी होता है, तो भारत को बड़ा लाभ मिल सकता है।" हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने इस आशावाद पर सवाल उठाए हैं। एक अन्य यूजर (@susegado4all) ने टिप्पणी की कि अमेरिका में मंदी की आशंका के बीच मांग में कमी आ सकती है, जिससे भारत के महंगे टेक्सटाइल की मांग प्रभावित हो सकती है।
वियतनाम की प्रतिक्रिया और भारत की चुनौतियां
वियतनाम ने इस स्थिति का जवाब देने के लिए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता शुरू कर दी है, जिसमें टैरिफ को कम करने पर चर्चा हो रही है। X पर एक पोस्ट में दावा किया गया कि वियतनाम जल्द ही शून्य टैरिफ हासिल कर सकता है, जिसके बाद नाइके जैसे ब्रांड्स के शेयरों में 4% की उछाल देखी गई। दूसरी ओर, भारत को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। X यूजर (@AlphaWealth000) ने सुझाव दिया कि भारत को कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने और वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।
भारत के टेक्सटाइल सेक्टर की संभावनाएं
इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, भारत का टेक्सटाइल सेक्टर 350 अरब डॉलर का बाजार है, जो 2030 तक बढ़कर 350 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह सेक्टर 45 मिलियन लोगों को रोजगार देता है और 100 से अधिक देशों में निर्यात करता है। सरकार की पीएम मित्र पार्क योजना, जिसमें 4,445 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, टेक्सटाइल वैल्यू चेन को एकीकृत करने और भारत को वैश्विक टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालांकि, सेक्टर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि श्रम की कमी और वैश्विक मांग में अनिश्चितता। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए नवाचार और उपभोक्ता प्राथमिकताओं के अनुकूल ढलने की जरूरत है।
अमेरिकी नीति का व्यापक प्रभाव
व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन की यह नीति अमेरिकी श्रमिकों और नवप्रवर्तकों के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। नेशनल काउंसिल ऑफ टेक्सटाइल ऑर्गनाइजेशंस की सीईओ किम ग्लास ने इस नीति की सराहना करते हुए कहा, "यह अमेरिका के व्यापार संतुलन को फिर से स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
हालांकि, CNBC की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इन टैरिफ्स से अमेरिका में टेक्सटाइल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ता खर्च पर असर पड़ सकता है। नाइके और एडिडास जैसे ब्रांड्स, जो वियतनाम पर बहुत अधिक निर्भर हैं, इस नीति से प्रभावित हो सकते हैं।
आगे की राह
भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार और उद्योग को मिलकर त्वरित कदम उठाने होंगे। वैश्विक व्यापार की बदलती गतिशीलता में भारत की स्थिति मजबूत करने के लिए नीतिगत सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास, और श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी होगा। क्या भारत इस अवसर का लाभ उठा पाएगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।