सूरत : गुजरात में पहला हाथ प्रत्यारोपण, युवक के हाथ गोवा की युवती को प्रत्यारोपित
डोनेट लाईफ संस्था की मदद से पांच लोगों को मिला नया जीवन
सूरत : टेक्सटाइल और डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत अब देश में अंगदान करने वाले शहर के रूप में भी ख्याति प्राप्त कर रहा है। गुजरात में पहली बार सूरत के किरण अस्पताल में हाथ प्रत्यारोपण किया गया। डोनेट लाइफ संस्था के माध्यम से श्रृंगी ब्राह्मण समाज के ब्रेन डेड नरेंद्र प्रेमबिहारी श्रृंगी, उम्र 28 वर्ष के हाथ, किडनी और आंखें दान कर पांच लोगों को नया जीवन दिया और समाज को एक नई दिशा दिखाई। गुजरात में पहली बार सूरत के किरण अस्पताल में गोवा की 25 वर्षीय महिला को हाथ प्रत्यारोपण किया गया।
नरेन्द्र प्रेमबिहारी श्रृंगी उम्र 28 वर्ष जो दादरा-नगर हवेली में अपने परिवार के साथ रहते हैं और निजी वाहन चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। 9 जनवरी को दाहिने पैर और हाथ में कमजोरी महसूस होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। निदान के लिए सीटी स्कैन और एमआरआई किया गया जिसमें मस्तिष्क में सूजन और रक्तस्राव का निदान हुआ। इसलिए, मस्तिष्क एंजियोग्राफी (डीएसए) की गई और रासायनिक प्लास्टी की गई। नरेन्द्र को 16 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
22 फरवरी को नरेंद्र चेकअप के लिए किरण अस्पताल आए। वहां उसे भूख लगी तो वह नाश्ता करने कैंटीन में चला गया। नाश्ता करते समय वह बेहोश हो गया। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज शुरू किया गया। निदान के लिए सीटी स्कैन किया गया और पता चला कि मस्तिष्क की एक रक्त वाहिका फट गयी थी। न्यूरोसर्जन डॉ. भौमिक ठाकोर ने मस्तिष्क में रक्त का थक्का निकालने तथा दबाव कम करने के लिए एक ट्यूब डाली गई थी।
28 फरवरी को न्यूरोसर्जन डॉ. भौमिक ठाकोर, न्यूरोफिजिशियन डॉ. हीना फालदू, गहन चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. प्रेक्षा पारेख और चिकित्सा निदेशक डॉ. मेहुल पांचाल ने नरेन्द्र को ब्रेन डेड घोषित कर दिया। किरण अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. मेहुल पांचाल ने डोनेट लाइफ के संस्थापक नीलेश मंडलेवाला से टेलीफोन पर संपर्क किया और उन्हें नरेंद्र की ब्रेन डेथ के बारे में बताया। डोनेट लाईफ संस्था ने नरेंद्र की पत्नी रोशनी, मां गुलाबीबेन, भाई धर्मेश, बहन प्रिया, बहनोई चेतन राजानी, ससुर राजूभाई मकवाना, सास शांतुबेन मकवाना, साले जिगर और साली सरस्वती को अंगदान की पूरी प्रक्रिया और इसके महत्व के बारे में बताया।
नरेंद्र के परिवार से अंग दान के लिए सहमति मिलने के बाद सोट्टो से संपर्क किया गया। सोट्टो द्वारा सूरत के किरण अस्पताल को दो किडनी और एक हाथ दान किया गया। दान की गई दोनों किडनियां किरण अस्पताल में सूरत निवासी एक 44 वर्षीय व्यक्ति और एक 40 वर्षीय व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया। गोवा की एक 25 वर्षीय महिला को सूरत के किरण अस्पताल में ब्रेन डेड नरेन्द्र के हाथ प्रत्यारोपित किया गया। उल्लेखनीय है कि गुजरात में पहला हाथ प्रत्यारोपण सूरत के किरण अस्पताल में किया गया था। डोनेट लाइफ संस्था द्वारा सूरत से छठा हाथ दान किया गया।