अदालत ने साल में दो बार नीट (यूजी) परीक्षा कराने संबंधी याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

अदालत ने साल में दो बार नीट (यूजी) परीक्षा कराने संबंधी याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तरह साल में दो बार नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित करने के अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।

मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएं या नहीं, यह निर्णय प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र का है, जिसमें अदालतें हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं।

इसने कहा, ‘‘याचिका पर विचार करना अधिकारियों का काम है। यह सरकार का नीतिगत निर्णय है।’’

उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता को संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष अपना पक्ष रखने की स्वतंत्रता प्रदान की। याचिकाकर्ता एक कोचिंग केंद्र में शिक्षक हैं।

अदालत ने कहा कि यदि अधिकारियों को कोई आवेदन या प्रतिवेदन दिया जाता है तो उन्हें उस पर विचार करना चाहिए और कानून के तहत उचित निर्णय लेना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा कि जेईई (मेन) परीक्षा कई पालियों में आयोजित की गई थी और अभ्यर्थियों को मनोवैज्ञानिक दबाव कम करने और उन्हें अपने ग्रेड सुधारने के लिए प्रेरित करने के लिए कई मौके दिए गए थे।

याचिका में कहा गया है कि हालांकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) (यूजी) में शामिल होने वालों को सिर्फ एक ही मौका दिया गया। उन्हें एक से अधिक बार मौका मिलना चाहिए।

पीठ ने कहा कि कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं हैं जिनमें अभ्यर्थियों को कई मौके नहीं मिलते।