घाटकोपर होर्डिंग हादसा: विज्ञापन कंपनी के निदेशक ने आरोप मुक्त करने के लिये याचिका दायर की

घाटकोपर होर्डिंग हादसा: विज्ञापन कंपनी के निदेशक ने आरोप मुक्त करने के लिये याचिका दायर की

मुंबई, 30 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के घाटकोपर इलाके में होर्डिंग गिरने की घटना के आरोपी भावेश भिंडे (विज्ञापन कंपनी के निदेशक) ने मुंबई की एक अदालत में आरोपमुक्त करने के लिये याचिका दायर की है।

भिंडे ने कहा, ‘‘इस घटना के संबंध में मेरे खिलाफ जो मामला दायर किया गया है, उसका एकमात्र उद्देश्य लोगों के गुस्से को कम करना था।’’

घाटकोपर इलाके में इस साल 13 मई को विशाल होर्डिंग गिर जाने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।

भिंडे ने दावा किया कि वह ‘‘निर्दोष’’ हैं और उन्हें कथित अपराध के लिये फंसाया गया है।

वह इस मामले में फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।

मुंबई के घाटकोपर इलाके में इस साल 13 मई को आंधी और बेमौसम बारिश के दौरान विशाल होर्डिंग एक पेट्रोल पंप पर गिर गया था, जिससे मुंबई हवाई अड्डे के वायु यातायात नियंत्रण के पूर्व महाप्रबंधक और उनकी पत्नी सहित 17 लोगों की मौत हो गई थी।

भावेश भिंडे ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी.एम.पठाडे के समक्ष आरोप मुक्त करने की याचिका हाल ही में दायर की है। अदालत ने अभियोजन पक्ष से जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 7 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।

भिंडे ने अपनी आरोप मुक्त करने की याचिका में कहा कि ‘ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ के गठन से लेकर इस विशाल होर्डिंग के निर्माण तक वह किसी भी तरह से कंपनी से जुड़े नहीं थे।

उन्होंने बताया कि इस मामले की आरोपी जाह्नवी मराठे ‘ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ की निदेशक थीं और 21 दिसंबर 2023 को उनके इस्तीफा देने के बाद ही वह इस कंपनी के निदेशक बने थे।

भिंडे ने अपनी याचिका में बताया कि जब उन्होंने कंपनी का प्रबंधन संभाला, तब तक होर्डिंग को बनाया जा चुका था और विज्ञापन प्रदर्शित किये जा रहे थे।

याचिका में कहा गया, ‘‘वर्तमान आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार, झूठे, अस्पष्ट और संदिग्ध हैं तथा ये आरोप अभियोजन पक्ष की पूरी कहानी को पुष्ट नहीं करते हैं।’’

याचिका में दावा किया गया कि आवेदक (भिंडे) निर्दोष है और उसे कथित अपराध में फंसाया गया है तथा उसकी उक्त अपराध में कोई भूमिका या उससे संबंध नहीं है।

इसमें कहा गया कि भिंडे पर लगाए गए आरोप झूठे हैं, क्योंकि प्रथम सूचनाकर्ता द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी ‘‘निराधार है और केवल लोगों के गुस्से को कम करने के उद्देश्य से प्राथमिकी दर्ज की गई थी।’’

इस बीच, मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने हाल ही में जाह्नवी मराठे को जमानत दी है।

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