सूरत : पालन-पोषण में चुनौतियाँ, बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य अब सबसे बड़ी चिंता

सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आयोजित किया सेमिनार, डॉ. निर्मल चोररिया ने बताईं चुनौतियाँ और समाधान

सूरत : पालन-पोषण में चुनौतियाँ, बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य अब सबसे बड़ी चिंता

सूरत: दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने रविवार को समृद्धि बिल्डिंग में 'वर्तमान समय में पालन-पोषण में चुनौतियाँ' विषय पर आयोजित सेमिनार में गंभीर मुद्दों पर प्रकाश डाला।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा, "आज के समय में बच्चों पर शैक्षणिक दबाव और सोशल मीडिया का नकारात्मक प्रभाव भी उनकी मानसिक सेहत को प्रभावित कर रहा है। माता-पिता को इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

सेमिनार में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. निर्मल चोररिया ने बताया कि आजकल बच्चों की शारीरिक बीमारियों की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य अधिक बिगड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, हर पांच में से एक बच्चा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है।

डॉ. चोररिया ने कहा, "बच्चों का अधिकांश समय गैजेट्स पर बीतना, फास्ट फूड का सेवन और शारीरिक गतिविधियों का अभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। माता-पिता को बच्चों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए और उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करना चाहिए।"

"सेमिनार में उपस्थित लोगों ने बच्चों के पालन-पोषण में आने वाली विभिन्न चुनौतियों और उनके समाधानों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि स्कूलों में बच्चों के लिए परामर्श सत्र आयोजित किए जाने चाहिए और माता-पिता को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी ने वक्ता का परिचय दिया और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन चेम्बर के जन स्वास्थ्य समिति के सदस्य निखिल वाघसिया ने किया। कार्यक्रम में समिति सदस्य डॉ. राजन देसाई एवं चैंबर सदस्य उपस्थित थे। अंत में वक्ता द्वारा उपस्थित लोगों के सभी प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया। चैंबर के एसजीसीसीआई शिक्षा और कौशल विकास केंद्र के अध्यक्ष  महेश पमनानी ने सर्वेक्षण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव दिया और उसके बाद सेमिनार का समापन हुआ।

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